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    विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में जांच हुई तेज, अब नेताओं के ड्राइवर-बॉडीगार्ड से भी होगी पूछताछ

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 08:52 PM (IST)

    पटना में विधायक खरीद-फरोख्त मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने तेजी दिखाते हुए संदिग्ध विधायकों के निजी सहायकों से पूछताछ शुरू कर दी है। इनमें ड्राइवर निजी सचिव और बॉडीगार्ड शामिल हैं। ईओयू विधायकों की गतिविधियों और लोकेशन की जानकारी जुटा रही है ताकि सच्चाई का पता लगाया जा सके।

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    अब नेताओं के ड्राइवर-बाडीगार्ड से भी पूछताछ करेगी EOU

    राज्य ब्यूरो, पटना। पिछले साल फरवरी में नीतीश सरकार के विश्वासमत के दौरान विधायकों को प्रलोभन दिए जाने के मामले में अब संदिग्ध विधायक-नेताओं के ड्राइवर, निजी सचिव, बॉडीगार्ड आदि से भी पूछताछ की जाएगी।

    इस मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने इस बाबत नोटिस देने का काम शुरू कर दिया है। अभी तक जिन नेताओं, ठेकेदारों व अन्य से पूछताछ की गई है और जिनसे होनी है उन सभी के निजी सहयोगियों को नोटिस जारी किया जा रहा है।

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    इसमें विधायक मिश्रीलाल यादव, पूर्व विधायक बीमा भारती समेत आधा दर्जन लोग शामिल हैं। ईओयू अधिकारियों के अनुसार, इन सहयोगियों से विश्वासमत के दौरान इन विधायकों-नेताओं का लोकेशन और उनकी गतिविधि की जानकारी ली जाएगी।

    पूछताछ में इनके द्वारा दिए गए जवाब का मिलान भी सहयोगियों के जवाब से किया जाएगा। ईओयू सभी लोगों के जवाब का रिकार्ड तैयार कर रही है, जिसके आधार पर आगेकी कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे प्रकरण में किन लोगों का हित जुड़ा था, किन-किन लोगों के पैसे लगे थे इन सारे बिंदुओं पर सवाल-जवाब किया जा रहा है।

    ईओयू के सामने दोबारा हाजिर हुए ई. सुनील 

    विधायक प्रलोभन मामले में बुधवार को कांड के मुख्य अभियुक्त इंजीनियर सुनील नोटिस के बाद ईओयू के कार्यालय पहुंचे जहां उनसे करीब तीन से चार घंटे पूछताछ की गई। उनसे जनू में भी एक बार पूछताछ की जा चुकी है।

    ईओयू के डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि पिछली बार ई सुनील के बयान के बाद अन्य लोगों से हुई पूछताछ में जहां विरोधाभास पाया गया है, उस मामले पर फिर से सवाल-जवाब किए गए हैं।

    इसके अलावा बुधवार को मोनू नाम के व्यक्ति से भी पूछताछ की गई है। विश्वासमत के दौरान मोनू के नाम से ही रांची में होटल की बुकिंग की गई थी। डीआइजी ने बताया कि अभी ईओयू इस मामले में साक्ष्य जुटाने का काम कर रही है, ताकि अभियोजन के दौरान परेशानी न हो।

    अगर जरूरत हुई तो इसके लिए लाई डिटेक्टर टेस्ट की अनुमति भी ली जाएगी। इस मामले में जल्द ही ईओयू चार्जशीट दाखिल करने की भी तैयारी कर रही है।