मौसम में बदलाव से बढ़ा फ्लू वायरस का प्रकोप, सर्दी, खांसी और बुखार वाले मरीज बढ़े
पटना में मौसम बदलने से फ्लू वायरस का प्रकोप बढ़ गया है। अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। डॉक्टरों के अनुसार, फ्लू के साथ पाचन संबंधी समस्याएं भी देखी जा रही हैं। एम्स पटना के डॉक्टरों का कहना है कि यह रेस्पिरेटरी वायरल इन्फेक्शन है, जिससे बचाव के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ी है।

मौसम में बदलाव से बढ़ा फ्लू वायरस का प्रकोप
जागरण संवाददाता, पटना। मौसम के बदलते तेवर अब लोगों के स्वास्थ्य पर असर डाल रहे हैं। राजधानी और आसपास के जिलों में फ्लू वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार और बदन दर्द के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ रही है।
राजधानी के प्रमुख अस्पताल पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच, न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल और गर्दनीबाग अस्पताल में जहां छठ पर्व को लेकर सामान्य मरीजों की संख्या घटी है, वहीं मेडिसिन विभाग में फ्लू और वायरल संक्रमण के मरीजों की भीड़ बढ़ गई है।
डॉक्टरों के अनुसार, ओपीडी और इमरजेंसी में प्रतिदिन 200 से 300 मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, इनमें से लगभग 50 मरीज फ्लू या वायरल संक्रमण से ग्रसित हैं। पीएमसीएच मेडिसिन विभाग के प्राध्यापक सह प्राचार्य डॉ. कौशल किशोर ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। वैसे अन्य ओपीडी में स्थिति सामान्य है।
फ्लू के साथ पाचन संबंधी समस्याएं भी बढ़ीं
इंडियन सोसाइटी ऑफ गैस्ट्रोइंट्रेलाजी के बिहार अध्यक्ष एवं डीएम गैस्ट्रोलाजिस्ट डा. आशीष कुमार झा ने बताया कि इस बार फ्लू वायरस के साथ पेट दर्द, गैस, उल्टी-दस्त, डायरिया और पाचन तंत्र की गड़बड़ी की शिकायतें भी आम हो गई हैं। कई मरीजों को तेज खांसी, कफ और लगातार जुकाम की समस्या बनी हुई है।
एम्स पटना के पल्मोनरी विभाग के प्राध्यापक डॉ. सौरव करमाकर ने बताया कि यह फ्लू वायरस एक रेस्पिरेटरी वायरल इन्फेक्शन है, जो मौसम में अचानक हुए बदलाव के कारण फैल रहा है।
दिन और रात के तापमान में अंतर तथा ठंडी हवाओं की शुरुआत इसके प्रसार को बढ़ा रही है। कहा कि यह मौसमी संक्रमण है। घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन लक्षण बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
निजी अस्पतालों में भी बढ़ी मरीजों की संख्या
सरकारी अस्पतालों के अलावा, निजी अस्पतालों और क्लीनिकों में भी फ्लू और वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि लोग शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करते हैं, जिससे संक्रमण गंभीर हो जाता है।
डॉक्टरों की सलाह
- गुनगुना पानी पीएं और ठंडे पेय से बचें।
- खांसी या छींक आने पर रूमाल या मास्क का प्रयोग करें।
- भीड़भाड़ वाले स्थानों से दूरी बनाएं।
- बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक न लें।
- नींद और पोषण का संतुलन बनाए रखें।

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