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    बिहार में अब अपराधों का होगा जल्द खुलासा, हर जिले में खुलेगा फोरेंसिक लैब; मोबाइल वैन से जांच होगी आसान

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 12:12 AM (IST)

    बिहार में अपराधों की जांच को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार हर जिले में फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) कार्यालय खोलेगी। प्रत्येक कार्यालय में एक मोबाइल वैन होगी। 34 नई वैन खरीदी जा रही हैं जिससे कुल संख्या 51 हो जाएगी। बड़े शहरों में अतिरिक्त वैन मिलेंगी और 50 और वैन खरीदने की योजना है। मोबाइल वैन आधुनिक उपकरणों से लैस होंगी।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में आपराधिक कांडों के फोरेंसिक जांच की सुविधा जल्द ही जिला स्तर पर सुलभ हो सकेगी। इसके लिए राज्य के सभी जिलों में जल्द ही एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लैब) कार्यालय की स्थापना की जाएगी।

    इन सभी कार्यालयों में कम से कम एक-एक एफएसएल मोबाइल वैन की तैनाती की जाएगी। वर्तमान में पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया, राजगीर और पूर्णिया में एफएसएल कार्यालय या चलंत विधि विज्ञान इकाई कार्यरत हैं।

    सीआईडी के अनुसार, जिला स्तर पर एफएसएल जांच के लिए 34 नई मोबाइल फोरेंसिक वैन की खरीद की जा रही है। वर्तमान में ऐसे मोबाइल वाहनों की संख्या 17 है, जिनकी तैनाती पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर समेत आदि जिलों में है।

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    अगले माह अक्टूबर तक 34 वैन की खरीद पूरी हो जाएगी जिसके बाद इनकी संख्या 51 हो जाएगी। बड़े शहरों या जिन जिलों में अधिक एफआईआर होती है, वहां एक से अधिक एफएसएल वैन की सुविधा दी जाएगी।

    इसके बाद अगले चरण में 50 अतिरिक्त वैन खरीद की योजना का प्रस्ताव भी तैयार किया जा रहा है। आगामी एक सप्ताह में इसकी मांग से संबंधित प्रस्ताव गृह विभाग के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा।

    रक्त से लेकर फिंगरप्रिंट तक हो सकेगी जांच 

    मोबाइल फोरेंसिक वैन सभी अत्याधुनिक उपकरणों से लैस रहती है। इसमें फिंगरप्रिंट, फुटप्रिंट, नारकोटिक्स, रक्त समेत अन्य जैविक प्रदर्शों समेत अन्य को संकलित करने के लिए किट मौजूद होता है। उच्च क्षमता वाला कैमरा और कृत्रिम लाइट के स्रोत भी उपलब्ध रहते हैं।

    इससे घटनास्थल पर प्रदर्श की जांच करने में काफी सहूलियत होती है। दरअसल, नया कानून बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) लागू होने के बाद जिन अपराधों के लिए सात वर्ष या इससे अधिक की सजा निर्धारित है, उनमें घटना स्थल पर एफएसएल की टीम या वैन की मदद से जांच करना अनिवार्य होता है।

    73 फीसदी मामलों का हुआ निष्पादन 

    पिछले साल जुलाई में नए कानून के लागू होने के बाद से अब तक 16 हजार 486 एफआईआर या कांडों में घटना स्थल पर एफएसएल वाहन या टीम की मांग समुचित जांच करने के लिए की गई थी।

    यह मांग जिला स्तर से की गई। इसमें 12 हजार से अधिक कांडों में घटनास्थल पर पहुंच कर एफएसएल ने जांच की, जो कुल कांड का 73 प्रतिशत है।

    सभी जिलों में एफएसएल का कार्यालय खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए अतिरिक्त 34 नए वाहनों के खरीद की प्रक्रिया अक्टूबर तक पूरी कर ली जाएगी। इसके अलावा 50 अतिरिक्त वाहनों की खरीद के लिए गृह विभाग को अनुरोध पत्र भेजा जा रहा है। - पारसनाथ, एडीजी, सीआईडी