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    Ganesh Chaturthi 2025: अब पटना में भी कर सकते हैं लालबागचा राजा के दर्शन, हीरे जड़े मुकुट से श्रृंगार

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 12:55 PM (IST)

    पटना में गणेश चतुर्थी का उत्सव धूमधाम से शुरू हो गया है। शहर में भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं और पंडालों को सजाया गया है। महाराष्ट्र मंडल में ऑपरेशन सिंदूर की तर्ज पर पंडाल बनाया गया है जहाँ लालबाग के राजा विराजमान होंगे। भक्त 10 दिनों तक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करेंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

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    पटना में भी कर सकते हैं लालबागचा राजा के दर्शन

    जागरण संवाददाता, पटना। बुद्धि, सिद्धि व शुभता के प्रदाता भगवान गजानन का 10 दिवसीय उत्सव भाद्रपद शुक्ल गणेश चतुर्थी बुधवार से आरंभ हो गया। पूजा पंडालों समेत घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा प्रतिष्ठित कर श्रद्धालु 10 दिनों तक पूजन करेंगे।

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    शहर के दारोगा राय पथ स्थित महाराष्ट्र मंडल परिसर से लेकर मीठापुर बस स्टैंड, चितकोहरा बाजार, पटना सिटी समेत अन्य जगहों पर बप्पा की प्रतिमा प्रतिष्ठित करने को लेकर भव्य पंडाल बनाए गए हैं।

    मंगलवार को मूर्तिकार गणपति की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगे रहे। गणेश चतुर्थी को लेकर बाजार में प्रतिमा व पूजन सामग्री को लेकर लोगों की भीड़ से बाजार गुलजार रहा।

    ऑपरेशन सिंदूर की तर्ज पर बना पंडाल

    दारोगा राय पथ स्थित महाराष्ट्र मंडल की ओर से ऑपरेशन सिंदूर के तर्ज पर भव्य पंडाल बनकर तैयार हो गया है। पूजा पंडाल में लालबाग के राजा विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे।

    महाराष्ट्र मंडल के सचिव संजय भोसले ने बताया कि भगवान गणेश की प्रतिमा छह फीट ऊंची होगी। बुधवार को सुबह नौ बजे से प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा व साढ़े 10 बजे महाआरती होगी। भगवान गणेश के दर्शन को लेकर प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री समेत अन्य मंत्रियों को निमंत्रण दिया गया।

    लालबाग के राजा गणेशजी को 38 लाख रुपये के हीरे से जड़े मुकुट पहनाया जाएगा। महाराष्ट्र मंडल की ओर से 56 वां उत्सव मनाया जाएगा। गणेश उत्सव को खास बनाने को लेकर मुंबई व बनारस से आए कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से सभी को आनंदित करेंगे।

    28 अगस्त की शाम बनारस के कलाकारों द्वारा भक्ति गीतों की प्रस्तुति होगी। 29 अगस्त को हल्दी-कुमकुम का आयोजन होगा। महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए पूजन करेंगी। 30 अगस्त को महाआरती के बाद रात्रि आठ बजे से भक्तों के बीच महाप्रसाद का वितरण होगा।

    प्रतिमा स्थापना व पूजा मुहूर्त

    चतुर्थी तिथि: दोपहर 2:06 बजे तक

    लाभ-अमृत मुहूर्त: प्रातः 5:29 बजे से 8:40 बजे तक

    शुभ योग मुहूर्त: सुबह 10:15 बजे से 11:51 बजे तक

    अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:25 बजे से 12:16 बजे तक

    चर-लाभ मुहूर्त: शाम 3:02 बजे से शाम 6:13 बजे तक

    तीन वर्ष बाद बुधवार को गणेश चतुर्थी की तिथि

    भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी में बुधवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में भगवान गणेश का पूजन पंडालों से लेकर घरों में होगा। तीन वर्ष बाद बुधवार के दिन गणेश चतुर्थी का दिन पड़ने से मंगलकारी हो गया है। पंडित राकेश झा ने बताया कि भगवान गणेश के साथ रिद्धि-सिद्धि की पूजा श्रद्धालु करेंगे।

    देवी रिद्धि को भौतिक समृद्धि व देवी सिद्धि को बौद्धिक सफलता का प्रतीक माना जाता है। गणेश चतुर्थी का पर्व विद्यार्थी, व्यापारी व नया कार्य प्रारंभ करने वालों के लिए फलदायी सिद्ध होगा। ज्योतिष शास्त्र में भगवान गणेश को बुध ग्रह का स्वामी माना गया है।