Bihar Sand Mining: अवैध बालू खनन पर नकेल कसेगी नीतीश सरकार, अब पोकलेन और जेसीबी में भी लगेगा GPS
बिहार में बालू के अवैध खनन और परिवहन को रोकने के लिए खनन विभाग ने सख्ती बढ़ा दी है। अब बालू खनन में इस्तेमाल होने वाले पोकलेन और जेसीबी जैसे उपकरणों पर भी जीपीएस लगाया जाएगा। विभाग ने डिजिटल सेवाओं को प्रभावी बनाने पर भी जोर दिया है। बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों के लिए इंटर स्टेट ट्रांजिट परमिट अनिवार्य होगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश में बालू समेत अन्य लघु खनिजों की अवैध ढुलाई से लेकर इसके खनन तक पर रोक के लिए खान एवं भू-तत्व विभाग और अधिक सक्रिय हो गया है।
विभाग ने गुरुवार को एक बैठक में यह सहमति बनाई है कि अब बालू बालू खनन के कार्य में लगे पोकलेन और जेसीबी जैसे उपकरणों पर भी जीपीएस लगाया जाएगा।
बालू परिवहन करने वाले वाहनों पर पहले से जीपीएस लगा है। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि जीपीएस से मामूली सी भी छेड़छाड़ हुई तो इसका उपयोग करने वालों को तीन महीने के लिए ब्लाक भी कर दिया जाएगा।
गुरुवार को विभाग के सचिव देवेश सेहरा की अध्यक्षता में एनआईसी के साथ विभाग की डिजिटल सेवाओं को अधिक प्रभावी, पारदर्शी एवं सुरक्षित बनाने पर चर्चा हुई।
बैठक में डिस्पैच यूजर प्वाइंट में आवंटित शेष कैपिंग को पुन: बालूघाट के मास्टर आईडी से जोड़ने के विषय पर विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही ऑडिट, सर्टिफिकेट और उनकी वैधता, सिक्योरिटी ऑडिट में पाई गई कमियां और उनके निवारण पर भी विचार किया गया।
लागू करने से पहले फील्ड परीक्षण
बैठक में तय हुआ कि धर्मकांटा से जुड़े सॉफ्टवेयर के उन्नत संस्करण को लागू करने से पहले फील्ड परीक्षण किया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा पट्टाधारी की यूजर आईडी खुद बन जाए। पट्टाधारी की किस्त व अन्य भुगतान की तिथियां पोर्टल पर प्रदर्शित होगी और उसी आधार पर उन्हें नोटिस होगा।
राज्य में बाहरी सीमा से प्रवेश करने वाले वाहनों को इंटर स्टेट ट्रांजिट परमिट लेना आवश्यक होगा। बैठक में विभाग के निदेशक विनोद दूहन, आनंद प्रकाश, सोमेश समेत दूसरे कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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