पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन रखेंगी हरियाली अमावस्या का व्रत, पीपल पूजन से दूर होगा पितृ दोष
सावन कृष्ण अमावस्या पर हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी। इस दिन पीपल की पूजा से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए व्रत रखेंगी। यह पर्व पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा है इसलिए पौधे लगाना शुभ है। पितरों की तृप्ति के लिए दान करने से वे प्रसन्न होते हैं और सुखद जीवन का आशीर्वाद देते हैं।

जागरण संवाददाता, पटना। सावन कृष्ण अमावस्या में गुरुवार को हरियाली अमावस्या का पर्व मनेगा। ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि पुनर्वसु नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बना रहेगा। इस दिन पीपल का पूजन करने के साथ परिक्रमा करना शुभ माना जाता है।
पीपल पूजन से पितृ दोष से मुक्ति तथा श्री हरि विष्णु प्रसन्न होते हैं। सावन में भगवान शिव के साथ मां पार्वती का पूजन विधि-विधान के साथ श्रद्धालु करेंगे। हरियाली अमावस्या पर सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा तथा दीर्घायु के लिए व्रत रख कर पूजा व प्रार्थना करेंगी।
हरियाली अमावस्या का पर्व पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा हुआ है। इस दिन घर व आसपास में पौधे लगाना शुभ माना जाता है। सावन कृष्ण अमावस्या पर पितरों के निमित पूजा एवं दान से पितृदोष से मुक्ति मिलेगी। श्रावण मास की अमावस्या का खास महत्व है।
शास्त्रों के अनुसार, इस तिथि के स्वामी पितृदेव हैं। ऐसे में पितरों की तृप्ति के लिए भी इसका खास महत्व है। श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान, अन्न-वस्त्र आदि का दान, आदि से पितृ प्रसन्न होकर वंश वृद्धि तथा सुखद जीवन का आशीर्वाद भी देते हैं।
पौधे का महत्व:
- लक्ष्मी : तुलसी, आंवला, केला, बेल का वृक्ष।
- आरोग्य : ब्राह्मी, पलाश, अर्जुन, आँवला, सूरजमुखी, तुलसी।
- ऐश्वर्य व सौभाग्य : अशोक, अर्जुन, नारियल और वट वृक्ष।
- संतान प्राप्ति : पीपल, नीम, बेल, नागकेशर, गु़ड़हल और अश्वगंधा।
- मेधा : शंखपुष्पी, पलाश, ब्राह्मी और तुलसी।
- सुख प्राप्ति : नीम, कदम्ब और घने छायादार वृक्ष।
- आनन्द : हरसिंगार (पारिजात) रातरानी, मोगरा, गुलाब।
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