बिहार में स्वास्थ्य विभाग बना रहा अपने कर्मचारियों का डाटा बैंक, पोस्टिंग और उपस्थिति की मिलेगी सही जानकारी
स्वास्थ्य विभाग के पास अपने कर्मियों का कोई एकीकृत ऑनलाइन डाटा नहीं। इस पहल का मकसद कर्मचारियों के पदस्थापन और उपस्थिति की सही जानकारी जुटाना है।

स्वास्थ्य विभाग कर्मियों का डाटा तैयार कर रहा है। सांकेतिक तस्वीर।
राज्य ब्यूरो, जागरण, पटना। प्रदेश में नए मेडिकल कालेज अस्पतालों के बनने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग को अधिक से अधिक कर्मियों की आवश्यकता है। परंतु स्वास्थ्य विभाग के पास अपने कर्मियों का कोई एकीकृत ऑनलाइन डाटा नहीं। सिर्फ डॉक्टर और नर्सों का ऑनलाइन डाटा ही विभाग के पास है। जिसे देखते हुए विभाग ने अपने कर्मियों का ऑनलाइन डाटा संग्रहित करना शुरू किया है।
विभाग के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में कई श्रेणी के पदाधिकारियों और कर्मियों की नियमित सेवाएं हैं, परंतु इनका आनलाइन एकीकृत डाटा नहीं है। जिससे यह स्पष्ट नहीं कि कौन कर्मचारी वास्तव में कहां कार्यरत हैं। इस पहल का मकसद कर्मचारियों के पदस्थापन और उपस्थिति की सही जानकारी जुटाना है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल कालेज अस्पतालों के प्राचार्य, अधीक्षक, डेंटल कालेजों के प्राचार्य, सभी सिविल सर्जन, निदेशक (अति विशिष्ट अस्पताल) और लोक स्वास्थ्य संस्थानों के निदेशकों को एक पत्र जारी किया है।
पत्र में कहा गया है कि वे अपने अधीन कार्यरत कर्मचारियों की पूरी जानकारी गूगल फार्म के जरिए साझा करें। ताकि इनका डाटा बैंक बनाया जा सके। कार्य प्राथमिकता में हो इसके लिए सभी संंबंधित संस्थानों को 26 जून तक का समय संबंधित विवरण मुहैया कराने को कहा गया है। जिन कर्मियों की जानकारी जुटाई जा रही है उनमें बुनियादी स्वास्थ्य कार्यकर्ता, परामर्शदाता, आशुलिपिक, सहायक लाइब्रेरियन, चालक, स्वच्छता निरीक्षक और चतुर्थवर्गीय कर्मचारी शामिल हैं।
इनके अलावा नेत्र सहायक, फिजियोथेरापिस्ट, आक्यूपेशनल थेरापिस्ट, फाइलेरिया निरीक्षक, कीट संग्रहकर्ता, यक्ष्मा स्वास्थ्य पर्यवेक्षक और अचिकित्सीय सहायकों की संख्या, स्वीकृत पद, कार्यरत कर्मी और रिक्त पदों की कोटिवार पद के कर्मियों की जानकारी भी मांगी गई है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।