India-Pak Tension: भारत-पाक रिश्ते पर रविशंकर प्रसाद का बड़ा बयान, बोले- जब हमने एयर डिफेंस बर्बाद कर दिया...
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के रिश्ते दोनों देश ही तय करेंगे किसी और की दखलंदाजी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने उन्हें पाकिस्तान की सच्चाई दुनिया को बताने का दायित्व दिया था। रविशंकर ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों का गढ़ है और वहां सेना आतंकियों का संचालन करती है। भारत आतंकवाद को लेकर सख्त है और अपनी सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। पाकिस्तान को आतंकियों के पनाहगार बनाए जाने की सच्चाई बताने के लिए भारत सरकार ने कई प्रतिनिधिमंडल दुनिया के कई देशों में भेजे थे। विभिन्न देशों का दौरा करने के बाद प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्य वापस भारत लौट आए हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद भी यूरोप के कई देशों में गए और भारत का पक्ष से रखते हुए पाकिस्तान की पोलखोलने करने की कोशिश की।
रविशंकर ने शनिवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विशेष दायित्व दिया था।
हम भी यूरोप के दौरे पर गए थे। अलग-अलग प्रतिनिधिमंडल में कई दलों के नेता थे। सभी लोगों का एक ही लक्ष्य था कि पाकिस्तान की पोलखोलना है। सभी देशों ने एक स्वर में पहलगाम की घटना की निंदा की।
उन्होंने कहा कि हम बताने गए थे कि अगर एक अमेरिकी और यूरोपीय नागरिक की जान की कीमत है, तो एक निर्दोष भारतीय की भी जान की कीमत है। कोई आतंकवाद से मारा जाएगा तो कार्रवाई होगी।
हम लोगों ने विभिन्न देशों को स्पष्ट किया कि भारत किसी देश के नागरिकों के विरोधी नहीं हैं, लेकिन पाकिस्तान की समस्या है कि वहां के जनरल पाकिस्तान चला रहे हैं। पाकिस्तान में आतंकियों का संचालन वहां की सेना करती हैं।
पाकिस्तान में चुना हुआ पीएम नहीं- रविशंकर
रविशंकर ने कहा कि जब अमेरिका ओसामा बिन लादेन को मारने 12 हजार किलोमीटर जा सकता है, तो हम चार सौ किलोमीटर क्यों नहीं जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमने रात को ऑपरेशन किया और सुबह बताया भी। जब हमने एयर डिफेंस बर्बाद कर दिया, तब पाकिस्तान घुटनों पर आया। तब पाकिस्तान ने फोन किया।
भारत आज चौथी आर्थिक अर्थव्यवस्था बन गया है। पाकिस्तान में चुना हुआ पीएम नहीं। क्या हम जनरल से बात करें?
भारत-पाकिस्तान के रिश्ते यही दोनों तय करेंगे, इसमें किसी दूसरे की दखलंदाजी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि दुनिया के अधिकांश देश भारत से अच्छे संबंध रखना चाहते हैं।
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