'हमें भगवान ने मंत्री बनाया है', दिलीप जायसवाल ने कहा- निवेश में नौकरशाही को नहीं बनने देंगे बाधा
बिहार के उद्योग मंत्री Dilip Jaiswal ने दैनिक जागरण से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बिहार में उद्योगों के विकास और निवेश को लेकर अपनी योजना शेयर की है ...और पढ़ें
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उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में उद्योग की वर्तमान स्थिति और संभावनाओं पर उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने जागरण संवाददाता जय शंकर बिहारी ने विशेष बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में निवेश को आकर्षित करने के लिए हर स्तर पर काम किए जा रहे हैं।
मंत्री Dilip Jaiswal ने कहा कि नौकरशाही हो या कुछ और, निवेशक व उद्यम के बीच कोई बाधा नहीं बनेंगे। यदि कोई बनने का गलती करते हैं, तो व्यवस्था से बाहर होंगे। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में मंत्री था तो व्यवस्था में बाधा उत्पन्न करने वाले 136 लोगों को चिह्नित कर निलंबन और सेवामुक्त किया गया था। यह उद्योग विभाग में भी होगा।
उन्होंने कहा, "हमें भगवान ने मंत्री बनाया है, तो कुछ बढ़िया सोचकर ही बनाए होंगे। अभी दूध में जोरन दे दिया गया है, दही जमने में कुछ समय लगेगा, छह माह के बाद उद्योग विभाग में क्वांटम बदलाव देखने को मिलेगा।" प्रस्तुत हैं उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल और मुख्य संवाददाता जय शंकर बिहारी के बीच बातचीत के प्रमुख अंश...
आपके विभाग की पहली प्राथमिकता क्या है?
दिलीप जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि हवा में बात अभी नहीं करूंगा। सिस्टम (व्यवस्था) को लाइव (सक्रिय) करना ही अभी पहली प्राथमिकता है। पहले कुछ दिनों के अनुभव के आधार पर सिस्टम को व्यवस्थित करने की जरूरत है। छह माह में बड़ा बदलाव दिखेगा।
उन्होंने कहा कि बिहार बहुत बड़ा उपभोक्ता राज्य है, यहां निवेश की बड़ी संभावना है। कंपनियों को अपनी लागत कम करने के लिए यहां उद्यम लगाना फायदे का सौदा है। हम उन्हें उनके अनुकूल माहौल उपलब्ध कराऐंगे। हम वैसे निवेशकों को प्रोत्साहित नहीं करेंगे, जिनका ध्यान सिर्फ सब्सिडी पर हो।
पिछले कुछ वर्षों में राज्य में निवेश का ग्राफ बढ़ा है, लेकिन बड़े राज्यों की तुलना में हम पीछे हैं। हम टाप-5 कब शामिल होंगे?
उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 राज्य के औद्योगिक विकास के लिए गेम चेंजर होगा। यह राज्य की आर्थिक संरचना को मौलिक रूप से बदलने की क्षमता रखता है।
यह प्रोत्साहन अन्य राज्यों की तुलना में अधिक प्रतिस्पर्धी है, जो वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने में सहायक है। इसे चार पहलुओं से समझा जा सकता है।
प्रथम, 100 करोड़ रुपये के निवेश और 1,000 प्रत्यक्ष रोजगार सृजन पर 10 एकड़ भूमि एक रुपये प्रति एकड़ से उपलब्ध कराई जा रही है। इससे बड़े उद्योगों को स्थापित करने में लागत कम हो जाएगी।
दूसरा, अधिकतम 40 करोड़ तक की ब्याज सहायता। यह मध्यम और लघु उद्यमों के लिए विशेष रूप से लाभदायक होगा।
तीसरा, 100 प्रतिशत तक राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) की प्रतिपूर्ति, जो 10 वर्षों तक जारी रहेगी। इससे निवेशकों पर कर बोझ कम होगी।
चौथा, पूंजी सब्सिडी, बिजली शुल्क में छूट, कौशल विकास के लिए सहायता और पर्यावरण अनुकूल परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा।
विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के इंक्यूबेंशन सेंटर अपेक्षा के अनुरूप परिणाम नहीं दे रहे हैं। ज्यादातर स्टार्टअप रफ्तार नहीं ले पा रहे हैं
जायसवाल ने कहा कि राज्य में स्टार्टअप को चरणवार आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके। विश्वविद्यालयों के अंदर ढांचागत सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
राज्य के युवाओं में काफी क्षमता है। इनकी क्षमता का पूरा-पूरा उपयोग करने के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराया जाएगा। कमियों को चिह्नित कर दूर करेंगे। हम धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं।
एक भी यूनिकार्न राज्य से नहीं है
राज्य से यूनिकार्न बनें, इसके लिए माहौल तो बनाया ही जा रहा है। इसका प्रभाव जल्द दिखेगा। देश में सबसे ज्यादा यूनिकार्न फिनटेक सेक्टर से हैं। फिनटेक को बढ़ावा देने के लिए फतुहा में फिनटेक सिटी प्रस्तावित है।
इससे क्या बदलाव दिखने को मिलेगा?
फतुहा में प्रस्तावित फिनटेक सिटी को गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक (जीआइएफटी) सिटी की तर्ज पर विकसित होगा। यह राज्य में वित्तीय सेवाओं और तकनीक कंपनियों का एक समर्पित हब होगा।
इसके लिए 242 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए 408.81 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसके माध्यम से फिनटेक स्टार्टअप, आइटी व साफ्टवेयर कंपनियों को राज्य में बेहतर करने का माहौल व सुविधाएं मिलेंगी।

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