Bihar Politics: सांसद संजय जायसवाल के आरोपों पर जसुपा का पटलवार, पितृपक्ष के बाद प्रत्याशियों का करेगी एलान
पटना में जन सुराज पार्टी की चुनावी बैठक के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने भाजपा सांसद संजय जायसवाल को संयम बरतने की सलाह दी। उन्होंने नेपाल की घटना पर चिंता व्यक्त की और नीतीश कुमार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के दावे पर सवाल उठाया। बैठक में प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीति पर चर्चा की और संगठन के विस्तार पर जोर दिया।

राज्य ब्यूरो, पटना। प्रशांत किशोर की उपस्थिति में शुक्रवार को जन सुराज पार्टी (जसुपा) की चुनावी बैठक के बाद प्रेस-वार्ता में राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने भाजपा सांसद डॉ. संजय जायसवाल को संयम में रहने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि संजय जायसवाल मेरे मित्र हैं। आजकल थोड़े घबराए हुए हैं। मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि संयम से रहें। जो कर रहे हैं, करते रहें। नहीं तो जो होना होगा, वह होगा ही।
उन्होंने कहा कि नेपाल में जो हुआ, उससे बिहार के लोगों को चिंतित होनी चाहिए। इसी के साथ उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के लोग जब कहते हैं कि भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस है, तब हंसी के साथ गुस्सा भी आता है।
बैठक पटना के शेखपुरा हाउस में हुई। उसमें सभी जिलाध्यक्ष, अनुमंडल अध्यक्ष, प्रखंड अध्यक्ष, जिला चुनाव प्रभारी, नगर निकाय अध्यक्ष और चुनाव प्रभारी समेत 700 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया।
प्रशांत किशोर ने चुनावी जीत के लिए रणनीति बताई। यह तय हुआ कि पंचायत और बूथ स्तर तक संगठन का विस्तार कार्य अविलंब पूरा कर लिया जाए।
प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने बताया कि यह बैठक जसुपा के अस्तित्व और कैरेक्टर को डिफाइन करने के लिए जरूरी थी। हमें बाकी दलों में क्या देखना और क्या नहीं देखना है, इन सभी पहलुओं पर चर्चा हुई।
किसी भी दल से पहले और पितृपक्ष के बाद जसुपा अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी। प्रदेश महामंत्री किशोर कुमार, चुनाव अभियान समिति के प्रदेश संयोजक सुधीर शर्मा आदि प्रेस-वार्ता में उपस्थित रहे।
झूठ, धोखा और फरेब से ही प्रशांत किशोर ने राजनीति की शुरुआत : डॉ. संजय
वहीं, दूसरी ओर पश्चिम चंपारण के भाजपा सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने कहा है कि जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने अपनी राजनीतिक की शुरुआत ही झूठ, धोखा एवं फरेब से किया।
शुक्रवार को माड़ीपुर स्थित एक होटल में प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर ने दो अक्टूबर 2022 को प्रेस वार्ता कर जनता से कहा था कि वह पहले राज्य में पदयात्रा करेंगे। इसके बाद जनता की राय के बाद किसी पार्टी का गठन करेंगे।
वर्ष 2024 में उन्होंने जन सुराज पार्टी की घोषणा की। दूसरी तरफ 22 अगस्त 2022 को ही दो अखबारों में जन सुराज पार्टी के रजिस्ट्रेशन को लेकर निर्वाचन आयोग की ओर से सार्वजनिक सूचना का प्रकाशन किया गया था।
इसमें अध्यक्ष एसके मिश्रा, महासचिव विजय साहू और कोषाध्यक्ष अजीत सिंह तय किए गए थे। डॉ. जायसवाल ने सवाल किया कि जब 22 अगस्त से पहले ही जन सुराज के गठन की प्रक्रिया की गई तो दो अक्टूबर 2022 को जनता से झूठ क्यों बोला गया।
वहीं, 2024 में जिस जन सुराज का गठन हुआ वह कौन सी पार्टी है। जबकि सभी पदाधिकारी पहले वाले ही हैं। उन्होंने सवाल किया कि पूर्व के अध्यक्ष एसके मिश्रा को हटाकर उदय सिंह को कब और कैसे अध्यक्ष बनाया गया। कहीं यह तो नहीं कि कोई घोटाला हो तो आप पल्ला झाड़ लें और राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह और प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती जेल जाएं।
पार्टी के चंदा को लेकर उन्होंने सवाल किया कि 50 हजार की पूंजी का एनजीओ कैसे करोड़ों रुपये आपके कर्मचारियों को दे रहा है। इसके अलावा यह भी सवाल किया कि आप बार-बार सत्ता में आने पर शराबबंदी हटाने की बात करते हैं।
कहीं तेलंगाना और कर्नाटक के शराब कंपनियों के मालिक को शराब की दुकान खुलवाने की गारंटी तो नहीं। वहीं, 10 सीट जीतने पर पार्टी को खत्म कर विधायकों को फ्री करने की बात कहते हैं। कहीं यह लालू प्रसाद से एनडीए को कमजोर करने की डील तो नहीं। इन सवालों के जवाब डॉ. जायसवाल ने प्रशांत किशोर ने मांगे।
वकालनत नोटिस भेजा तो मुझसे ही साक्ष्य देने को कह रहे
भाजपा सांसद ने कहा कि बेतिया छावनी के पुल का एलाइनमेंट बदलने का प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया था। इस मामले में वकालतन नोटिस भेजा तो जवाब में कहा कि वह चंपारण घूम रहे थे तो बहुत लोगों ने यह बात बताई।
प्रशांत ने यह परामर्श दिया कि उन्हें ही इस बात का सुबूत देना चाहिए कि छावनी के पुल निर्माण की देरी में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
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