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    'थोड़ा पीना गुनाह नहीं... शराबबंदी के छोटे मामले खत्म करे सरकार'; मांझी की नीतीश कुमार से डिमांड

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 09:07 PM (IST)

    केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार में शराबबंदी की आलोचना करते हुए कहा कि थोड़ी शराब पीना गुनाह नहीं है। उन्होंने सरकार से छोटे मामलों को चुनाव से पहले खत्म करने का आग्रह किया। मांझी ने पुलिस पर खानापूर्ति करने का आरोप लगाया और एनडीए में सीट बंटवारे पर जल्द बैठक होने की संभावना जताई। उन्होंने राज्यस्तरीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए पर्याप्त सीटें मांगी।

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    थोड़ा पीना गुनाह नहीं, शराबबंदी के छोटे मामले खत्म करे सरकार : मांझी

    राज्य ब्यूरो, पटना। हम के संरक्षक एवं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने विधानसभा चुनाव से पहले फिर शराबबंदी की आलोचना का राग शुरू कर दिया है। मांझी ने गुरुवार को कहा कि थोड़ा शराब पीना गुनाह नहीं है। राज्य सरकार को विधानसभा चुनाव से पहले शराब पीने के छोटे-छोटे मामलों को खत्म कर देना चाहिए।

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    मांझी ने कहा कि शराबबंदी की पिछली समीक्षा बैठक में भी इसमें नरमी बरतने के संकेत दिए गए थे। सरकार को इस बात पर गौर करना चाहिए और ऐसे मामलों में दर्ज केस चुनाव से पहले खत्म कर देना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि पुलिस खानापूर्ति के लिए मामूली मात्रा में शराब रखने या पीने वालों को पकड़कर जेल भेज रही है, जबकि बड़े पैमाने पर शराब बनाने और तस्करी करने वाले माफिया खुलेआम कारोबार कर रहे हैं।

    एनडीए में सीट बंटवारे के सवाल पर मांझी ने कहा कि संभव है जल्द ही इस पर बैठक होगी। उन्होंने दोहराया कि हमें कम से कम इतनी सीटें चाहिए कि आठ सीट जीतकर राज्यस्तरीय पार्टी का दर्जा पा सकें।

    प्रमाण है तो नाम उजागर करें नहीं तो माफी मांगें जंगलराज के युवराज : विजय सिन्हा

    दूसरी ओर, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने के तेजस्वी यादव के आरोप को 'मीडिया स्टंट' बताया है। उन्होंने कहा कि बीती रात पटना में जो घटना हुई है वह निश्चित रूप से दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। पुलिस-प्रशासन पूरी सक्रियता से जांच कर रही है। शीघ्र ही घटना को अंजाम देने वाले सलाखों के पीछे भी होंगे, लेकिन इस घटना की आड़ में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का बयान दुर्भावनापूर्ण है।

    उन्होंने कहा कि तेजस्वी के पास अपराधियों को संरक्षण देने से जुड़ा कोई को प्रमाण हो तो सामने रखें । वरना सार्वजनिक रूप से माफी मांगें। उन्हें याद रखना चाहिए कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हमारी सरकार किसी भी कीमत पर अपराधियों से सहानुभूति नहीं रखती है।

    आगे कहा कि तेजस्वी यादव अपने माता-पिता के जंगलराज का कलंक धोने के चक्कर में निराधार आरोप लगा रहे हैं। पूरा बिहार जानता है कि उस दौर में मुख्यमंत्री आवास में अपहरण, आतंक एवं अराजकता की पाठशाला चलती थी। शिल्पी-गौतम हत्याकांड जैसे दुर्दांत हत्याकांड की जांच को किसी प्रकार प्रशासनिक हस्तक्षेप से दबा दिया गया था यह किसी से छुपा नहीं है।

    सिन्हा ने आगे बोले, तेजस्वी यादव शायद भूल रहे हैं, लेकिन बिहार की जनता आज भी नहीं भूली कि 1990 से 2005 के बीच बिहार में 600 से अधिक हत्याएं केवल जातीय उन्माद के कारण हुई थीं। सत्ता संरक्षित इन हत्याओं के आंकड़े उस दौर के उग्रवाद प्रभावित जम्मू-कश्मीर में हुए नरसंहार से कहीं ज़्यादा हैं।