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    नौकरी और रोजगार: बिहार के युवाओं की सबसे बड़ी चिंता, सरकार की क्या है योजना?

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 11:31 AM (IST)

    बिहार में युवाओं के लिए नौकरी और रोजगार एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। सरकार 2025-2030 तक एक करोड़ नौकरियां और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चय-2 के तहत 12 लाख सरकारी नौकरियां और 38 लाख रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखा है। कौशल विकास और महिला रोजगार योजना के माध्यम से भी रोजगार के अवसर बढ़ाए जा रहे हैं।

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    नौकरी व रोजगार में बढ़ते बिहार को तेज करनी होगी नियोजन की गति

    भुवनेश्वर वात्सयायन, पटना। राज्य के युवा वर्ग के समक्ष नौकरी और रोजगार का मुद्दा सबसे अहम है। चुनाव ही ऐसा अनुकूल समय है जब हर वर्ग अपनी अपेक्षाओं पर शासन को तौलता है। इन दिनों राज्य में नौकरी और रोजगार को लेकर राज्य सरकार विशेष रूप से प्रयासरत है। इस बार के चुनावी समर में सरकारी नौकरी व रोजगार से जुड़े आंकड़े परोस सरकार युवाओं के हक की बात कर रही।

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    एक तरफ सत्ता पक्ष इस संदर्भ में अपनी उपलब्धियों का ब्योरा विस्तार से रख रहा तो दूसरी ओर विपक्ष का दावा है कि उनके प्रयासों की वजह से ये आंकड़े सामने आ रहे। यही नहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह घोषणा भी कसौटी पर होगी कि 2025-2030 के बीच एक करोड़ की संख्या में सरकारी नौकरी व रोजगार उपलब्ध होंगे। इस क्रम में निजी क्षेत्र में सृजित होने वाली नौकरियों तथा रोजगार को भी जोड़ा जा रहा है। जाहिर है, नौकरी और रोजगार की दिशा में बढ़ते बिहार को नियोजन की गति बढ़ानी होगी।

    वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चय-2 के तहत सरकारी नौकरी और रोजगार सृजन का लक्ष्य तय किया था। इसके तहत यह निश्चय किया गया था कि 2020-25 के बीच सात निश्चय-2 के अंतर्गत 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी और 10 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। बाद में इस लक्ष्य को संशोधित किया गया। यह तय हुआ कि 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी जाएगी और 38 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।

    आंकड़े इस तरह गिने जा रहे कि 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है और 39 लाख लोगों के लिए रोजगार का सृजन किया गया। इस वर्ष तक 50 लाख सरकारी नौकरी व रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों अपने एक्स हैंडल पर यह जानकारी दी कि 2005 से 2020 के दौरान आठ लाख युवाओं को सरकारी नौकरी उपलब्ध कराई गई। उनका दावा है कि 50 लाख सरकारी नौकरी व रोजगार का लक्ष्य हर हाल में हासिल कर लिया जाएगा।

    युवाओं को रोजगार वाया कौशल विकास: युवाओं के लिए रोजगार सृजन की बात कौशल विकास के माध्यम से की जा रही। युवाओं के कौशल विकास के लिए कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना हो रही है। अभी सात निश्चय-2 के तहत युवाओं के लिए कौशल विकास का प्रशिक्षण उपलब्ध है। अगले पांच वर्षों के लिए इस कार्यक्रम के विस्तार की भी योजना है। सरकार उद्योगों के माध्यम से निजी क्षेत्र में नौकरियों व रोजगार को भी ध्येय बना रही। इसके तहत मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र, आइटी, विनिर्माण आदि क्षेत्र को देखा जा रहा।

    बड़ी संख्या में युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार देने वाली कंपनियों को विशेष तरह की सहायता दिए जाने की बात राज्य सरकार ने नए औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज में किया है। महिलाओं के बीच रोजगार की एक नई योजना: इस बार के चुनाव में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की खूब चर्चा रहेगी। महिलाओं के लिए रोजगार की इस नई योजना को राज्य मंत्रिमंडल से मंजूरी भी मिल गई है। इसके तहत प्रत्येक परिवार की एक महिला को सितंबर महीने में ही 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता स्वरोजगार के तहत लघु उद्यम स्थापित करने के लिए दी जानी है।

    छह महीने बाद व्यापार में उपलब्धि के आधार पर दो लाख रुपये अतिरिक्त की मदद की जाएगी। सरकार का कहना है कि इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करना है। स्थानीय स्तर पर उन्हें इससे रोजगार मिलेगा। उनके उत्पादों के विपणन के लिए भी सरकार के स्तर पर व्यवस्था की जाएगी। इधर, विपक्ष का कहना है कि महिलाओं के लिए हर माह एक मुश्त आर्थिक सहायता की उनकी योजना का ही यह दूसरा स्वरूप है।

    • जून 2025 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजधानी स्थित बापू सभागार में 21391 नवनियुक्त सिपाहियों को नियुक्ति पत्र दिया l
    • मार्च 2025 में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 51,389 शिक्षकों को एक साथ नियुक्ति पत्र प्रदान किए गएl
    • वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य सरकार ने 1.40 लाख नए पदों पर नियुक्तियों का प्रविधान किया l
    • बड़ी संख्या में नई नियुक्तियों से राज्य का कुल राजस्व व्यय का करीब 13 से 14 प्रतिशत तक बढ़ाl
    • बिहार में करीब 58 प्रतिशत से 60 प्रतिशत लोग 25 वर्ष से कम आयु वर्ग के l
    • बिहार देश का वैसा राज्य है जहां 25 वर्ष से कम आयु के युवाओं की संख्या सबसे अधिक l
    • बिहार में बेरोजगारी दर का हालिया आंकड़ा 3.4 प्रतिशत का, जो राष्ट्रीय औसत से थोड़ा अधिक l
    • शहरी क्षत्रों में युवा बेरोजगारी विशेष रूप से अधिक आंकी गई l
    • वर्ष 2024 में कार्यबल में युवाओं की हिस्सेदारी 31. 4 प्रतिशत

    सात निश्चय-1 के तहत युवाओं के लिए चली योजनाओं पर भी चर्चा सात निश्चय-1 के तहत 2015-2020 के दौरान सरकार ने युवाओं के रोजगार को केंद्र में रख कुछ योजनाएं शुरू की थीं। इस बार यानी 2025 के विधानसभा चुनाव में भी इसपर चर्चा तय है। युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष किए जाने को ले हर पंचायत में आवासीय आइटीआइ और पालिटेक्निक संस्थान खोलने का वादा किया गया था।

    विपक्ष के पास सवाल यह कि यह योजना किस हद तक पूरी हुई और क्वालिटी के लिहाज से वह किस स्तर पर ठहरी। इसी तरह स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड की योजना के तहत राज्य सरकार के स्तर पर विद्यार्थियों को दी जाने वाली सहायता का भी जिक्र होगा। इसकी अधिकतम राशि को सरकार ने हाल ही में बढ़ाया भी है। कौशल विकास मिशन के माध्यम से दी जाने वाली ट्रेनिंग को केंद्र में रख युवाओं पर बात होगी।

    सरकारी नौकरियों पर राजद का दावा कुछ इस तरह राजद का यह दावा रहा है कि 2020 के विस चुनाव में तेजस्वी यादव ने यह वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनी तो 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इस वादे को तब एनडीए ने अव्यावहारिक बताया था। राजद के घोषणा पत्र में निजीकरण खत्म करने तथा 85 प्रतिशत डोमिसाइल की बात कही गई थी। डोमिसाइल पर सरकार ने हाल ही में निर्णय लेकर अब इस मुद्दे को राजद से छीन लिया है।

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