Updated: Wed, 27 Aug 2025 08:48 AM (IST)
पटना के अटल पथ पर हुई हिंसा एक सोची-समझी साजिश थी जिसमें वार्ड पार्षद टूटू और अधिवक्ता श्वेत रंजन शामिल थे। उन्होंने राजनीतिक फायदे और मुआवजे के लिए यह योजना बनाई। पुलिस ने 40 लोगों को गिरफ्तार किया है और जांच में पता चला है कि बाहरी लोगों को उपद्रव के लिए बुलाया गया था।
जागरण संवाददाता, पटना। अटल पथ पर उपद्रव, आगजनी और तोड़फोड़ एक सोची समझी साजिश थी। पुलिस का दावा है कि इसमें मुख्य साजिशकर्ता वार्ड पार्षद टूटू और अधिवक्ता श्वेत रंजन थे।
आरोपित पार्षद ने अधिवक्ता के साथ मिलकर अपने राजनीतिक लाभ, वर्चस्व और दोनों बच्चों की मौत मामले में मुआवजा की हिस्सेदारी को लेकर एक सप्ताह पहले ही हिंसा की पूरी तैयारी की थी।
इसमें पार्षद के कहने पर श्वेत रंजन ने दो गाड़ी से आठ बाहरी लोगों को बुलाया था। आठों लोगों को स्थानीय भीड़ में शामिल होकर उपद्रव मचाने के लिए ढाई-ढाई हजार रुपये दिए गए थे। पुलिस ने पार्षद, अधिवक्ता सहित उपद्रव में शामिल कुल 40 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
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एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने प्रेसवार्ता में कहा कि हिंसक घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और सात उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया। इनसे हुई पूछताछ के आधार पर कई ठिकानों पर छापेमारी की गई।
62 लोगों से पूछताछ के बाद प्रमाणिक साक्ष्यों एवं वीडियो फुटेज के आधार पर 40 आरोपितों को चिन्हित कर दबोचा गया। अनुसंधान के क्रम में सामने आया है कि इस पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड वार्ड पार्षद टूटू था।
उसने पेशे से अधिवक्ता श्वेत रंजन से संपर्क किया। श्वेत मूल रूप से घोसवरी के रहने वाले है, लेकिन बोरिंग रोड में उनका आफिस है। श्वेत रंजन द्वारा जुटाए गए कई बाहरी लोग भीड़ में घुस गए और उन्हीं के द्वारा पुलिस बल व आम नागरिकों पर पथराव और आगजनी की गई।
पीड़ित परिवार पहले से ही अनुसंधान से संतुष्ट था, लेकिन वार्ड पार्षद ने उनके नाम का सहारा लेकर भीड़ को गुमराह किया। जांच में यह तथ्य स्पष्ट हुआ है कि अटलपथ उपद्रव की पूरी योजना राजनीतिक लाभ उठाने और संभावित मुआवज़ा हासिल करने के उद्देश्य से बनाई गई थी।
वीडियो फुटेज के आधार पर अन्य लोगों की पहचान की जा रही है। कुछ फरार है, उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है। एसएसपी ने बताया कि पीड़ित परिवार को भी इस तरह के षड्यंत्र की जानकारी नहीं थी।
कार में मिला था दोनों बच्चों का शव, पांच दिन में दूसरी बार हुआ बवाल
दरअसल यह पूरा बवाल 15 अगस्त को हुई उस घटना से जुड़ा है, जिसमें पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के इंद्रपुरी रोड नंबर 12 में एक प्लाट में खड़ी कार से भाई-बहन की लाश मिली थी। बच्चों की पहचान पांच वर्षीय दीपक और सात साल की लक्ष्मी के रुप मे हुई थी।
दोनों दोपहर करीब साढ़े 12 बजे मोहल्ले में ही टीचर के यहां ट्यूशन पढ़ने गए थे। देर शाम तक नहीं लौटे। इसके बाद उनका शव बरामद हुआ था। पुलिस ने दावा किया कि हर बिंदु पर जांच की जा रही है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। हत्या की भी पुष्टि नहीं हुई है। विसरा रिपोर्ट आने के बाद दोनों रिपोर्ट के मिलान के बाद वजह सामने आएगी। फुटेज में भी दोनों बच्चों को खेलते हुए जाते देखा गया था। इधर स्वजन न्याय की गुहार लगा रहे।
पांच दिन पूर्व भी इसी मामले को लेकर आक्रोशित लोगों ने अटल पथ जाम कर दिया था। इस दौरान भी पार्षद द्वारा षड्यंत्र रचा गया था, लेकिन वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सका था।
इसी मामले को लेकर फिर से सोमवार की शाम अटल पथ जामकर दिया गया था, लेकिन इस बार इसने हिंसक रूप ले लिया था। तीन गाड़ियां जला दी गई। दर्जन भर वाहनों में तोड़फोड़ और पुलिस पर पथराव किया गया।
कई राहगीर और सात से अधिक पुलिसकर्मी चोटिल हो गये। मंत्री के काफिले पर भी पथराव किया गया था। दर्जन भर थाना पुलिस, आईजी, एसएसपी, सिटी एसपी से लेकर आधा दर्जन से अधिक डीएसपी मौके पर पहुंचे, जिसके बाद स्थिति पर क़ाबू पाया गया था।
नहीं हुई है हत्या की पुष्टि
एसएसपी ने बताया कि दोनों बच्चों के शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसा कुछ नहीं आया है, जिससे हत्या की पुष्टि हो। स्वजनों को भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में पूरी जानकारी दी गई थी।
एसडीपीओ लगातार उनके सम्पर्क में हैं। एफएसएल और विसरा रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाई की जाएगी। कानून का जो प्रविधान है, उसी के तरह कार्यवाई होगी।
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