Updated: Tue, 07 Oct 2025 07:45 AM (IST)
पटना में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है जिसके तहत चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक उम्मीदवार के लिए खर्च की सीमा 40 लाख रुपये तय की गई है। 50 हजार से अधिक नकद राशि ले जाने पर उचित दस्तावेज दिखाने होंगे अन्यथा जब्ती की जा सकती है। चुनाव जीतने के लिए काले धन के इस्तेमाल को रोकने के लिए जिले में कई जांच चौकियां बनाई गई हैं।
जागरण संवाददाता, पटना। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम डा. त्यागराजन एसएम ने सोमवार को कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। यह सभी लोगों पर समान रूप से लागू है। निवार्चन आयोग ने विधानसभा चुनाव लड़ रहे प्रति प्रत्याशी 40 लाख रुपये खर्च की सीमा तय की है।
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इसकी निगरानी को हर प्रत्याशी को चुनाव खर्च के लिए नया बैंक खाता खुलवा हर व्यय उससे करने का निर्देश दिया गया है। 10 हजार से अधिक के हर लेनदेन की निगरानी होगी।
वहीं, प्रत्याशी या राजनीतिक दल कालेधन का प्रयोग चुनाव जीतने के लिए नहीं कर सकें, इसकी रोकथाम के लिए नकद लेकर चलने की सीमा 50 हजार तय की गई है।
50 हजार या इससे अधिक की राशि किसी के पास भी मिलती है और उसके जायज होने के साक्ष्य नहीं प्रस्तुत नहीं करता है, तो राशि जब्त कर ली जाएगी। जिले में करीब 20 इंफोर्समेंट एजेंसी पैसों के लेनदेन पर नजर रखने को बनाई गई हैं।
जिले की सीमा पर मादक पदार्थ, अवैध शराब, जाली करेंसी, अनधिकृत राशि व बहुमूल्य धातुओं के लाने-ले जाने पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिले में 32 चेकपोस्ट सक्रिय हो गई हैं।
मद्य निषेध व मादक पदार्थों की रोकथाम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 475 हाटस्पाट चिह्नित कर निरोधात्मक कार्रवाई तेज कर दी गई है।
अधिक राशि ले जाने में नहीं दिक्कत, बस रखें साक्ष्य
डीएम ने बताया कि पैसों का आवागमन एटीएम या बैंकों का कैश ले जाने वाले वाहनों से नहीं हो सके, इसके लिए उन्हें भी उपलब्ध नकदी के संबंध में पर्याप्त साक्ष्य रखने होंगे।
एटीएम वैन बैंक से किन-किन एटीएम में कितनी डालने के लिए कितनी राशि लेकर जा रही है, इसका पूरा विवरण होना चाहिए। वहीं एसबीआइ समेत सभी बैंक जो नकदी कैरेंसी चेस्ट भेजेंगे, वे भी उसका प्रमाणपत्र लेकर चलेंगे।
आमजन के पास से पकड़ी गई राशि यदि 50 हजार से अधिक है और वह किसी राजनीतिक दल या प्रत्याशी से संबंधित नहीं है तो उसे ले जाया जा सकता है। विधानसभा चुनाव के दौरान शादी-विवाह की लग्न जोरों पर हैं। साथ ही व्यापार व इलाज खर्च आदि के लिए पैसों के लाने-ले जाने पर कोई रोक नहीं है।
बस आचार संहिता के दौरान 50 हजार से अधिक कैश ले जाना हैं तो अपना फोटो पहचान पत्र, जितने पैसे लेकर जा रहे हैं, वे कहां से आए यानी कानूनी दस्तावेज जैसे बैंक से निकाले हैं तो विड्राल फार्म की पर्ची या मोबाइल फोन पर बैंक का मैसेज, कारोबारी हैं तो दुकान से बिक्री का साक्ष्य आदि।
साथ ही भारी मात्रा में नकदी कहां खर्च करने के लिए ले जाई जा रही है, किसको भुगतान करना है उसका विपत्र आदि साथ रखना होगा।
यदि दस्तावेज नहीं है तब भी पैसा मिलेगा वापस
यदि किसी व्यक्ति की 50 हजार से अधिक राशि दस्तावेज नहीं दे पाने के कारण जब्त हो जाती है तो आप थोड़ा समय लेकर उन्हें मंगवा भी सकते हैं। उनका सत्यापन करने के बाद राशि वापस हो जाएगी।
यदि साक्ष्य नहीं दे पाते हैं तो चुनाव खत्म होने के बाद पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध कराने पर यदि चुनाव आयोग के अधिकारी संतुष्ट होते हैं तो राशि वापस हो जाएगी।
जवाब संतोषजनक नहीं है तो पैसा जब्त कर जेल भी भेजा जा सकता है। इसी प्रकार 50 हजार तक का सोना यानी करीब पांच ग्राम सोना या ज्वेलरी होने पर उसके दस्तावेज होने चाहिए।
हालांकि, यदि यह राशि 10 लाख से अधिक है तो चुनाव आयोग आवश्यक रूप से इस मामले की सूचना आयकर विभाग को देगा।
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