Mokama Murder: पुलिस छावनी में बदला मोकामा, अनंत के समर्थक ने जन सुराज प्रत्याशी पर दर्ज कराई FIR
मोकामा में हत्या के बाद तनाव बढ़ गया है, जिसके चलते पूरे क्षेत्र को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। अनंत सिंह के एक समर्थक ने जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, जिससे राजनीतिक माहौल और भी तनावपूर्ण हो गया है। पुलिस स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कड़ी निगरानी रख रही है।

पुलिस छावनी में बदला मोकामा, अनंत के समर्थक ने जन सुराज प्रत्याशी पर दर्ज कराई FIR
जागरण संवाददाता, पटना। मोकामा विधानसभा क्षेत्र (Mokama Assembly Seat 2025) के पंडारक प्रखंड के भदौर थाना क्षेत्र में गुरुवार को जन सुराज प्रत्याशी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या से माहौल तनावपूर्ण हो गया है। हत्या के बाद पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय पुलिस के साथ अर्धसैनिक बल की भी तैनाती की गई है।
घटना के करीब 18 घंटे बाद शुक्रवार को पुलिस ने आक्रोशित ग्रामीणों के विरोध के बीच दुलारचंद यादव के शव को बाढ़ अनुमंडल अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा। शव उठाने के दौरान ग्रामीणों और पुलिस के बीच कई बार नोकझोंक हुई।
इस बीच, देर रात दुलारचंद के पोते के बयान पर पुलिस ने मोकामा के जदयू प्रत्याशी और पूर्व विधायक अनंत सिंह, उनके दो भतीजे रणवीर और कर्मवीर समेत पांच लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की है। वहीं, दूसरी ओर अनंत सिंह के समर्थक के बयान पर जन सुराज प्रत्याशी और उनके समर्थकों के खिलाफ भी एक अलग मामला दर्ज हुआ है।
अनंत सिंह की ओर से हरनौत नालंदा निवासी जितेंद्र कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसमें जसुपा उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी, लखन महतो, नीतीश महतो, ईश्वर महतो, अजय महतो समेत अन्य को आरोपित बनाया है।
बता दें कि घटना गुरुवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे की है। पंडारक प्रखंड के बसावनचक गांव के समीप दुलारचंद यादव पर पहले गोली चलाई गई और फिर चारपहिया वाहन से कुचल कर हत्या कर दी गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बदमाशों ने पहले दुलारचंद के पैर में गोली मारी, जिससे वह गिर पड़े, इसके बाद वाहन से रौंद दिया गया।
इस जघन्य वारदात के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई और टाल इलाके में भारी तनाव का माहौल बन गया। दुलारचंद यादव का आपराधिक रिकार्ड भी रहा है। 1990 में उन्होंने मोकामा विधानसभा से लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ा था। वर्षों से वह सक्रिय रूप से राजनीति में रहे और स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली माने जाते थे।
हत्या के बाद उनके समर्थक शव को तारतर स्थित पैतृक गांव ले गए, जहां देर रात तक लोग जुटे रहे। आक्रोशित समर्थकों ने पुलिस को शव उठाने नहीं दिया, जिसके चलते प्रशासन को भारी दबाव का सामना करना पड़ा।घटना की गंभीरता को देखते हुए बाढ़ एएसपी टू अभिषेक कुमार, कई थानाध्यक्ष और बल की अतिरिक्त कंपनियां मोकामा में कैंप कर रही हैं।
पटना से भी पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं। एएसपी अभिषेक कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में गोली मारने और वाहन से कुचलने की बात सामने आई है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि मौत किस कारण हुई।
देर रात पटना पुलिस ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि घटनास्थल से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर अभी मौत संदेहास्पद प्रतीत हो रही है। पोस्टमार्टम और एसएफएल (फारेंसिक) रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट की जाएगी।उ
धर, ग्रामीणों ने हत्या के लिए अनंत सिंह और उनके समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं अनंत सिंह का कहना है कि यह सब उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजद समर्थक सूरजभान के समूह ने उनके काफिले पर हमला किया, जिसमें कई लोग घायल हुए और दस गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुईं।
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