Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सरकार गठन से पहले हलचल तेज, संजय झा–ललन सिंह की अमित शाह के साथ लंबी बैठक, क्या हुई बात?

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 03:34 PM (IST)

    दिल्ली में नई एनडीए सरकार के गठन को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हैं। जेडीयू नेता संजय झा और ललन सिंह ने अमित शाह और जे.पी. नड्डा के साथ सरकार गठन और मंत्रालयों के बंटवारे पर चर्चा की। जेडीयू गृह, सड़क जैसे अहम विभाग चाहती है। भाजपा विधायक दल का नेता चुनेंगे, शपथ ग्रहण 20 या 21 नवंबर को हो सकता है। नई सरकार का स्वरूप पुराने समीकरणों से अलग होगा।

    Hero Image

    संजय झा और ललन सिंह की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के साथ करीब तीन घंटे की मैराथन बैठक

    डिजिटल डेस्क, पटना। दिल्ली में नई एनडीए सरकार के गठन को लेकर राजनीतिक गतिविधियां चरम पर हैं। सोमवार देर रात जेडीयू के वरिष्ठ नेता संजय झा और ललन सिंह की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के साथ करीब तीन घंटे की मैराथन बैठक हुई। यह बैठक न केवल सरकार गठन पर केंद्रित रही, बल्कि भविष्य की सत्ता संरचना, मंत्रालयों के बंटवारे और विधानसभा स्पीकर पद को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बैठक के बाद दोनों जेडीयू नेता बाहर निकल गए, लेकिन सूत्रों के मुताबिक मंथन यहीं समाप्त नहीं हुआ। अमित शाह और जे.पी. नड्डा की अलग से बैठक अभी भी जारी रही, जिसमें दोनों नेताओं ने बने हालात पर अंदरूनी रणनीति तैयार की।

    माना जा रहा है कि जेडीयू–भाजपा के बीच बराबरी के फार्मूले, मंत्री पदों की संख्या और विभागों के वितरण को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है।

    सूत्र बताते हैं कि जेडीयू शीर्ष नेतृत्व गृह, सड़क, जल संसाधन और शिक्षा जैसे अहम विभागों पर दावा ठोक रहा है, जबकि भाजपा अपने कोर मंत्रालयों में किसी बदलाव के मूड में नहीं है।

    इधर पटना में भी राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि नव–निर्वाचित भाजपा विधायक मंगलवार को विधायक दल का नेता चुनेंगे।

    इसी बैठक में भाजपा औपचारिक रूप से मुख्यमंत्री पद के नाम पर अपनी मुहर लगाएगी। जायसवाल ने संकेत दिया कि सरकार बनने की प्रक्रिया लगभग तय मानी जा रही है।

    उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण 20 या 21 नवंबर को होने की संभावना है, हालांकि भाजपा सूत्र 20 नवंबर को सबसे संभावित तारीख मान रहे हैं।

    ऐसे में यह साफ है कि भाजपा और जेडीयू दोनों ही तेजी से अंतिम सहमति की ओर बढ़ रहे हैं, ताकि शपथ ग्रहण से पहले सरकार का प्रारूप पूरी तरह तय हो जाए।

    दिल्ली में चल रही लगातार बैठकों ने यह भी साफ कर दिया है कि प्रदेश की नई सत्ता संरचना, पुराने चुनावी समीकरणों से अलग होगी और दोनों पार्टियां अपने–अपने हितों को साधते हुए एक संतुलित मॉडल की तलाश में हैं।

    अब सबकी निगाहें जेडीयू–भाजपा के बीच होने वाली अंतिम सहमति पर टिकी हैं, जो आने वाली नई सरकार के चेहरे और ताकत को तय करेगी।