Nitish Kumar: 4 पीएचडी, 3 इंजीनियर तो सात 12वीं पास; नीतीश की नई सरकार में कौन कितना पढ़ा-लिखा?
Nitish New Minister: बिहार में नई सरकार का गठन हुआ, जिसमें नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके मंत्रिमंडल में विभिन्न शैक्षणिक योग्यता वाले सदस्य हैं, जिनमें इंजीनियर, पीएचडी धारक और 12वीं पास तक के मंत्री शामिल हैं।

नीतीश के मंत्रिमंडल में कौन कितना पढ़ा-लिखा। (जागरण)
डिजिटल डेस्क, पटना। Nitish Kumar Cabinet: बिहार में नई सरकार का गठन हो गया है। गुरुवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में नीतीश कुमार और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे।
नवगठित मंत्रिपरिषद में एक को छोड़ बाकी बारहवीं से इंजीनियरिंग डिग्री धारी तक शामिल हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब एनआईटी पटना) से इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त हैं।
वहीं, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा बेगूसराय पॉलिटेक्निक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हैं, जबकि दीपक प्रकाश ने मणिपाल यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर सांइस से बीटेक पास हैं। केवल मंत्री नारायण प्रसाद मैट्रिक पास हैं।
चार मंत्री पीएचडी
नवगठित मंत्रिपरिषद में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त है। चार मंत्रियों ने उच्चतर शिक्षा के तहत पीएचडी की डिग्री हासिल की है। इनमें दिलीप कुमार जायसवाल ने बीएनएम विश्वविद्यालय मधेपुरा से पीएचडी की डिग्री हासिल की है। अशोक चौधरी, संतोष कुमार सुमन, डॉ. प्रमोद कुमार ने भी पीएचडी की डिग्री हासिल कर रखी है।
स्नातकोत्तर चार तो स्नातक तक शिक्षा प्राप्त सात मंत्री
मंत्रिमंडल में स्नातकोत्तर की योग्यता रखने वाले चार तो स्नातक तक की शिक्षा प्राप्त सात मंत्री शामिल हैं। स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त मंत्रियों में विजय कुमार चौधरी, सुनील कुमार, अरुण शंकर प्रसाद और श्रेयसी सिंह शामिल हैं।
स्नातक स्तर की शिक्षा प्राप्त मंत्रियों में मंगल पांडेय, मदन सहनी, रामकृपाल यादव, संजय सिंह टाइगर, लखेंद्र कुमार रौशन, और संजय कुमार शामिल हैं।
ये 6 पहले भी रह चुके हैं मंत्री
राज्य मंत्रिपरिषद में सात मंत्री 12वीं तक शिक्षित हैं। इनमें बिजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, लेशी सिंह, नितिन नवीन, जमा खान, सुरेंद्र मेहता, रमा निषाद शामिल हैं। इनमें रमा निषाद पहली बार विधायक बनी और मंत्री भी बनाई गई, जबकि शेष छह मंत्री पहले भी राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

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