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    Nitish Kumar Shapath Grahan: नई सरकार का नया संतुलन, अनुभव और युवा ऊर्जा का अनोखा मेल इस बार के कैबिनेट में

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 09:38 AM (IST)

    नीतीश कुमार की नई सरकार का मंत्रिमंडल अनुभव और युवा नेतृत्व का मिश्रण है। शपथ ग्रहण से पहले नेताओं को फोन आने से स्पष्ट है कि कैबिनेट गठन में दलगत समीकरण के साथ-साथ पीढ़ियों का संतुलन भी प्राथमिकता रही। भाजपा के वरिष्ठ नेता मंगल पांडेय और युवा चेहरों में श्रेयसी सिंह शामिल हैं। जदयू के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी को फिर से मंत्री बनाया जा रहा है। इस बार का कैबिनेट राजनीतिक संतुलन, अनुभव, संगठनात्मक पकड़ और युवा ऊर्जा का संयोजन है।

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    श्रेयसी सिंह और मंगल पांडे को मंत्रालय में मिली जगह

    डिजिटल डेस्क, पटना। नीतीश कुमार की नई सरकार का कैबिनेट इस बार अनुभव और युवा नेतृत्व का एक संतुलित मिश्रण लेकर आया है। शपथ ग्रहण से पहले जिस तरह नेताओं को फोन एक-एक कर मिलते गए, वह स्पष्ट करता है कि कैबिनेट गठन में दलगत समीकरण के साथ-साथ पीढ़ियों का संतुलन भी प्राथमिकता में रहा है।

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    सबसे चर्चित नामों में भाजपा के वरिष्ठ नेता मंगल पांडेय और युवा चेहरों में श्रेयसी सिंह शामिल हैं। श्रेयसी, पूर्व रेल राज्य मंत्री दिग्विजय सिंह की पुत्री होने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन कर चुकी खिलाड़ी हैं।

    कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग का गोल्ड मेडल जीत चुकी श्रेयसी को कैबिनेट में जगह मिलना पार्टी के युवा नेतृत्व पर भरोसे का संकेत माना जा रहा है।

    इधर, जदयू के ढांचे में भी अनुभव को तरजीह दी गई है। वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी को फोन मिलते ही यह साफ हो गया कि वे एक बार फिर मंत्री बन रहे हैं।

    वहीं भाजपा की ओर से रामकृपाल यादव को फोन आया है, पार्टी के दिग्गज नेता, जो कभी लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी हुआ करते थे।

    दानापुर- पटना से जीतकर आए रामकृपाल की कैबिनेट में एंट्री राजनीतिक संतुलन को और मजबूत करती है।

    भाजपा के ही संजय टाइगर और दीपक प्रकाश को भी कॉल हो चुका है। खास बात यह है कि दीपक प्रकाश अभी विधानसभा सदस्य नहीं हैं, लेकिन पार्टी उन्हें संगठनात्मक अनुभव के आधार पर मंत्री बनाने जा रही है।

    इसी तरह युवा नेतृत्व को बढ़ावा देते हुए उपेन्द्र कुशवाहा के बेटे को भी कैबिनेट में जगह मिलने के संकेत हैं, जो इस सरकार के नए चेहरों को आगे लाने की मंशा को दर्शाता है।

    गांधी मैदान में शपथ से पहले ही भारी भीड़ जुटने लगी है। समर्थकों की यह उपस्थिति बताती है कि जनता को भी नई टीम से काफी उम्मीदें हैं।

    कुल मिलाकर, इस बार का कैबिनेट न केवल राजनीतिक संतुलन की मिसाल है, बल्कि इसमें अनुभव, संगठनात्मक पकड़ और युवा ऊर्जा का आदर्श संयोजन देखने को मिल रहा है।

    यह देखना रोचक होगा कि यह मिश्रित टीम नई सरकार के एजेंडे को किस गति से आगे बढ़ाती है।