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    Bihar News: प्रदेश के सरकारी स्कूलों का होगा कायाकल्प, कामकाज पर सीधी नजर रखेंगे डीएम

    By Dina Nath Sahani Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sun, 03 Aug 2025 12:14 PM (IST)

    बिहार के सभी प्रारंभिक विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं की जांच होगी। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने इसके लिए कार्ययोजना बनाई है। जिलाधिकारी की देखरेख में यह योजना लागू होगी। विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या सुनिश्चित की जाएगी और बुनियादी सुविधाओं के लिए धन उपलब्ध कराया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी विद्यालयों को आकस्मिक निधि प्रदान करेंगे और उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य होगा।

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    बिहार के सभी प्रारंभिक विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं की जांच होगी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सभी 71523 प्रारंभिक विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं की जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर 15 अगस्त के बाद बुनियादी सुविधाओं की कमी को दूर करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।

    इसके लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। जिलाधिकारी की देखरेख में इस योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। साथ ही, प्रत्येक प्रारंभिक विद्यालय में कम से कम तीन और प्रत्येक मध्य विद्यालय में कम से कम आठ शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी।

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    जिस विद्यालय में शिक्षकों की कमी होगी, वहां मानक को ध्यान में रखते हुए तैनाती की जाएगी। सभी विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या की जानकारी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से ली जाएगी।

    शिक्षा विभाग ने सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को सरकारी विद्यालयों में बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। निर्देश में कहा गया है कि हर विद्यालय में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राशि पहले ही उपलब्ध करा दी गई है।

    इस राशि से विद्युतीकरण कार्य से लेकर कक्षाओं में पर्याप्त संख्या में बल्ब, ट्यूबलाइट और पंखे लगाए जाएंगे। विद्यार्थियों के लिए पेयजल व्यवस्था से संबंधित कार्य भी किए जाएंगे। बेंच और डेस्क का रखरखाव किया जाएगा।

    इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रत्येक विद्यालय को आकस्मिक निधि के रूप में 50,000 रुपये की राशि उपलब्ध कराएंगे। आवंटित राशि खर्च करने के बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है। संबंधित कार्य पूरा होने के बाद, जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्तर पर प्रत्येक विद्यालय में बुनियादी सुविधाओं की जाँच की जाएगी।