Kidney Disease: देश में 10 में से एक मरीज को किडनी की बीमारी, सही समय पर पहचान जरूरी; जानिए लक्षण
एम्स के डॉक्टर अमरेश कृष्णा ने बताया कि किडनी रोग तेजी से बढ़ रहा है। जानकारी के अभाव में लोग लापरवाह रहते हैं। बीपी शुगर के मरीज और पारिवारिक इतिहास वाले लोगों को विशेष ध्यान रखना चाहिए। किडनी रोग के लक्षणों में सूजन भूख न लगना और पेशाब में प्रोटीन आना शामिल हैं। समय पर जांच और डॉक्टर की सलाह से बचाव संभव है।

जागरण संवाददाता, पटना। क्रोनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) वर्तमान में देश और दुनिया में तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना के नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. अमरेश कृष्णा ने कहा कि जानकारी के अभाव में लोग अक्सर तब तक लापरवाह रहते हैं जब तक किडनी पूरी तरह खराब नहीं हो जाती।
उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि करीब 10 प्रतिशत लोग किडनी की समस्या से ग्रसित हैं, लेकिन इसका पता अधिकतर तब चलता है जब दोनों किडनियों पर असर पड़ चुका होता है।
वह दैनिक जागरण के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘हेलो जागरण’ में पाठकों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि परिवार में यदि किसी को किडनी रोग रहा है तो हर साल जांच जरूर करानी चाहिए। उन्होंने विभिन्न लक्षणों और बचाव के उपायों की विस्तार से जानकारी दी। प्रस्तुत है पाठकों के चुनींदा प्रश्न व उसका जवाब।
पैर में सूजन है, पहले से लकवा की शिकायत है, क्या करें? - रवि शंकर, पटना सिटी
शुरुआती स्तर पर आपको नजदीकी नेफ्रोलॉजिस्ट और न्यूरोलॉजिस्ट को दिखाना चाहिए। कई बार जिस साइड लकवा की समस्या होती है, वहां कुछ महीनों तक सूजन बनी रहती है। लेकिन यदि यह लंबे समय तक रहे तो जांच कराना जरूरी है।
बीपी और शुगर की समस्या है, क्या किडनी की बीमारी हो सकती है? - शिव प्रसाद गुप्ता, मीठापुर
बीपी और शुगर के मरीज किडनी रोग के सबसे बड़ा कारण है। ऐसे मरीजों को अपने बीपी और शुगर को नियंत्रित रखना चाहिए। साथ ही समय-समय पर क्रिएटिनिन और यूरिन टेस्ट जरूर कराते रहना चाहिए। इससे ससमय बीमारी की जानकारी लेनी चाहिए।
क्रिएटिनिन बढ़ने पर क्या सिर्फ एक ही किडनी खराब होती है, कितना पानी पीना चाहिए? - मंगलधारी सिंह विक्रम
कभी भी एक किडनी खराब हो तो जानकारी हासिल नहीं होती है। क्रिएटिनिन का स्तर तभी बढ़ता है जब दोनों किडनियां प्रभावित होती हैं। इसलिए यदि रिपोर्ट में क्रिएटिनिन बढ़ा दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ डाक्टर से संपर्क करना चाहिए।
परिवार में किडनी रोग है, मुझे क्या सावधानी बरतनी चाहिए? - प्रिया मिश्रा, पटना
यदि परिवार में पहले से किसी को किडनी की समस्या है तो आपको विशेष सतर्क रहना चाहिए। हर साल किडनी की आवश्यक जांच जैसे क्रिएटिनिन, यूरिन रूटीन टेस्ट आदि कराना जरूरी है।
किडनी फेल्योर मरीजों का प्रत्यारोपण कब होता है? - राहुल सिंह, हाजीपुर
जब मरीज क्रोनिक किडनी डिजीज के पांचवें चरण (सीकेडी स्टेज-5) में पहुंच जाता है, तभी प्रत्यारोपण (ट्रांसप्लांट) की प्रक्रिया शुरू होती है। उससे पहले तक मरीज को डायलिसिस के माध्यम से उपचार दिया जाता है।
गर्मी में पानी का रखें खास ध्यान
डॉ. अमरेश कृष्णा ने कहा कि गर्मी में शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाना बेहद जरूरी है। सामान्य लोगों को इतना पानी पीना चाहिए कि प्रतिदिन दो-तीन लीटर यूरिन शरीर से बाहर निकले। किडनी मरीजों को पानी की मात्रा डॉक्टर से परामर्श लेकर ही तय करनी चाहिए, क्योंकि अधिक या कम पानी दोनों नुकसानदेह हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि यदि पेशाब में प्रोटीन या रेड ब्लड सेल्स आ रहे हों तो यह ग्लोमेरुलो नेफ्राइटिस का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डाक्टर से मिलना चाहिए।
किडनी रोग के प्रमुख लक्षण
- शरीर या पैरों में सूजन
- खून की कमी (एनीमिया)
- भूख न लगना या भूख में कमी
- सुबह उठते ही उल्टी जैसा महसूस होना
- पेशाब में प्रोटीन आना
- त्वचा का सूखना और खुजली होना
- समय पर जांच है बचाव का सबसे बड़ा उपाय
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