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    Bihar Sand Mining: इसी महीने पूरी होगी आधा दर्जन नदी घाटों की बंदोबस्त की प्रक्रिया, लिस्ट में 5 जिले

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 11:47 AM (IST)

    पटना समेत मधुबनी रोहतास सारण और औरंगाबाद जिलों में कई नदियों के बालू घाटों की नीलामी प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसे सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। गंगा सोन पुनपुन समेत अन्य नदियों के घाट शामिल हैं। पहले बंदोबस्तधारियों द्वारा छोड़े गए घाटों की दोबारा नीलामी हो रही है ताकि मानसून के बाद खनन शुरू हो सके।

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    इसी महीने पूरी होगी आधा दर्जन नदी घाटों की बंदोबस्त की प्रक्रिया

    राज्य ब्यूरो, पटना। पटना के साथ ही मधुबनी, रोहतास, सारण और औरंगाबाद जिलों की करीब आधा दर्जन नदियों के बालू घाटों की बंदोबस्ती प्रक्रिया प्रारंभ है। जिसे सितंबर महीने के मध्य तक पूरा करने का लक्ष्य है। जिन नदियों के बालू घाटों की बंदोबस्त प्रक्रिया चल रही है उनमें गंगा, सोन, पुनपुन, दर्धा, कमला, भूतही बलान और मुनहारा जैसे नदियां हैं।

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    विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व में करीब 10 जिलों में बालू घाटों का बंदोबस्त लेने के बाद बंदोबस्तधारियों ने घाट सरेंडर कर दिए थे। इनमें से चार की वापस सफल बंदोबस्ती कर दी गई है। अन्य 40 घाटों की भी बंदोबस्ती प्रक्रिया जारी है। इन सभी घाटों की बंदोबस्ती हर हाल में सितंबर के मध्य और अंत तक कर दी जाएगी, ताकि अक्टूबर से नदियों से एक बार फिर बालू का खनन हो सके।

    राज्य की नदियों से फिलहाल 15 अक्टूबर तक बालू का खनन बंद है। ऐसे में खान एवं भूतत्व विभाग की कोशिश यह है कि जिन बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं हुई है या फिर जो घाट सरेंडर किए गए हैं उनकी नए सिरे से बंदोबस्त कर दी जाए, ताकि मानसून अवधि बीतने के बाद बालू घाटों से नए सिरे से खनन प्रारंभ हो सके।

    अवैध बालू खनन, भंडारण को बढ़ावा देने के आरोप में चार अफसरों पर कार्रवाई

    दूसरी ओर, बालू के अवैध खनन और इसके भंडारण की जानकारी होने के बाद कोई कार्रवाई नहीं करने के आरोप में सरकार ने खान एवं भू-तत्व विभाग के चार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने के निर्देश दिए हैं। जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है, उनमें तीन खान निरीक्षक हैं। जबकि, एक तत्कालीन खनिज विकास पदाधिकारी है।

    मोतिहारी में तैनात खनिज विकास पदाधिकारी रागिनी कुमारी पर आरोप है कि उन्होंने संज्ञान में रहने के बाद भी अवैध खनन करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की।

    इसी प्रकार तत्कालीन खान निरीक्षक अंजनी कुमार पर आरोप है कि उन्होंने अवैध बालू खनन, परिवहन और भंडारण की रोकथाम के लिए कोई काम नहीं किया, बल्कि इसे बढ़ावा दिया।