Patna Crime News: पटना से चोरी कर वैशाली में बेच रहे वाहन, छह बदमाश गिरफ्तार
पटना पुलिस ने वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए छह बदमाशों को गिरफ्तार किया है। ये बदमाश पटना से वाहन चोरी कर वैशाली में बेचते थे। पुलिस ने इनके पास ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, पटना। गांधी मैदान सहित आसपास के इलाकों से बाइक चोरी करने वाले गिरोह के सरगना सहित छह बदमाशों को पटना पुलिस की विशेष टीम ने सोमवार को वैशाली के राघोपुर से गिरफ्तार कर लिया है। इनकी निशानदेही पर वहां झोपड़ी में छिपाकर रखी गई चोरी की 13 बाइक को जब्त कर लिया गया है।
गिरफ्तार आरोपितों की पहचान राजा कुमार, मिथुन कुमार, विकास राम, कंचन कुमार, वृजनाथी कुमार के रूप में हुई, जो वैशाली के राघोपुर स्थित अलग अलग गांव के निवासी है। वहीं एक अन्य की पह्रचान कुंदन कुमार के रूप में हुई, जो बेउर में किराए के घर में कर रहा था।
गिरोह का पटना, वैशाली सहित अन्य जिलों से कनेक्शन जुटा है। सिटी एसपी दीक्षा ने बताया कि गिरोह में शामिल अन्य बदमाशों का नाम सामने आया है। उनकी पहचान कर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
शनिवार को गांधी मैदान थाना क्षेत्र से एक बाइक चोरी की शिकायत मिली। केस दर्ज कर पुलिस छानबीन में जुट गई। सीसीटीवी फुटेज में एक संदिग्घ व्यक्ति दिखा। तकनीकी जांच कर उसकी पहचान की राजा कुमार के रूप में हुई। पुलिस ने उसकी तलाश में राघोपुर स्थित मीरपुर गांव में दबिश दी।
राजा की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ करने पर पता चला कि यह वाहन चोर गिरोह का सरगना है, जिसके गिरोह में कई और लोग शामिल है। उसने बाइक चोरी की बात स्वीकार करते हुए पूर्व अन्य वाहन चोरी की बात कहीं। उसकी निशानदेही पर एक झोपड़ी से चोरी की 13 बाइक को बरामद किया गया। साथ ही उसके पांच अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया।
15 से 20 हजार में बेच देते थे चोरी की बाइक
यह गिरोह गांधी मैदान, पीरबहोर, कदमकुआं, अगमकुआं सहित अन्य थाना क्षेत्र में सक्रिय रहता था। वैशाली से पटना आने के बाद लाज या किराये के कमरे में ठहता था। फिर वाहन चोरी कर वैशाली के राघोपुर पहुंच जाता था। वहां बाइक को छिपा दिया जाता था। फिर नंबर प्लेट बदलकर उसे 15 से 20 हजार रुपये में बेच दिया जा रहा था।
सौ से अधिक बाइक को बेच चुका है गिरोह
पूछताछ में पता चला कि गिरोह बीते कुछ माह में पटना से सौ से अधिक बाइक चोरी कर बेच चुक उसे अलग अलग लोगों के हाथों बेच चुका है। इनके संपर्क में कई अन्य वाहन चोर गिरोह के सदस्य थे, जो इलाका बदल कर वाहन चोरी करते थे। गिरोह में शामिल हर बदमाश की अलग अलग भूमिका होती थी।
एक रेकी करता था, दो बाइक चोरी करते थे और अन्य तीनों चोरी की बाइक को छिपाने के साथ ही उसे राघोपुर में पहुंचाते थे। चोरी की बाइक बेचने पर जो पैसे मिलते थे, उसे गिरोह आपस में बाट लेता था।

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