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    एक ही प्रमाणपत्र पर दो लेडी टीचर ने पाई सरकारी नौकरी, असली झारखंड और नकली बिहार में

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 10:02 PM (IST)

    पटना के बाढ़ में शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक ही प्रमाण पत्र पर दो महिलाओं ने शिक्षिका की नौकरी पाई। एक झारखंड में नियुक्त हुई दूसरी बाढ़ में। असली मनोरमा को पैन नंबर से लोन लेने में दिक्कत आई तब फर्जीवाड़े का पता चला। आरोपी शिक्षिका फरार है और मामले की जांच जारी है।

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    एक ही प्रमाणपत्र पर दो लेडी टीचर ने पाई सरकारी नौकरी, असली झारखंड और नकली बिहार में

    संवाद सहयोगी, बाढ़ (पटना)। शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक ही प्रमाणपत्र पर दो महिलाओं ने शिक्षिका के पद पर नौकरी प्राप्त की है। एक की नियुक्ति झारखंड में हुई, जबकि दूसरी पटना जिले के बाढ़ में। मनोरमा नाम की महिला ने 15 वर्षों तक बाढ़ में शिक्षिका के पद पर फर्जीवाड़ा करते हुए कार्य किया, लेकिन किसी को इसकी भनक नहीं लगी।

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    जब असली मनोरमा ने जब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया चास कोर्ट एरिया शाखा में घर निर्माण के लिए लोन के लिए आवेदन दिया, तब उसके पैन नंबर की जांच में मामले का पर्दाफाश हुआ।

    झारखंड के बोकारो जिले की मनोरमा 2005 से उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिंहडीह में सहायक शिक्षिका के पद पर तैनात हैं। वहीं, सिवान निवासी मनोरमा ने फर्जीवाड़ा कर बाढ़ के कमला कन्या मध्य विद्यालय में शिक्षिका की नौकरी हासिल की। पैन नंबर से फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। मामले की जानकारी मिलने के बाद बाढ़ नगर परिषद अंतर्गत कमला कन्या मध्य विद्यालय की शिक्षिका मनोरमा पति संजय कुमार पाठक विद्यालय से फरार हो गई।

    झारखंड के चास निवासी मनोरमा ने जब बैंक में लोन के लिए आवेदन किया, तब उन्हें बताया गया कि बाढ़ शाखा में उनके नाम पर पहले से सात लाख रुपए का लोन है। इस पर उन्होंने बोकारो चास थाने में शिकायत दर्ज कराई। थानाध्यक्ष ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बाढ़ थाने को ईमेल कर मामले की जांच करने का अनुरोध किया।

    बाढ़ पुलिस ने कमला कन्या मध्य विद्यालय पहुंचकर जांच की तो पता चला कि आरोपित महिला शिक्षिका तीज व्रत में अपने घर सिवान गई थी और तब से फरार है। यह महिला 2010 से फर्जी तरीके से नौकरी कर रही थी। चास निवासी मनोरमा ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, स्टेट बैंक के मैनेजर और संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक को लिखित जानकारी देकर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके प्रमाणपत्र का गलत तरीके से उपयोग किया गया है।

    बाढ़ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुजीत कुमार सोनू ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। झारखंड की मनोरमा ने कहा कि उनके पिता बोकारो में नौकरी करते थे, जिससे उनकी पढ़ाई वहीं हुई। उन्होंने 2005 में शिक्षिका के पद पर नौकरी की। इस मामले ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। विभागीय जांच की स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है, और इस मामले में शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की जा रही है।