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    सीएम के शपथ ग्रहण समारोह का असर: दिल्ली-मुंबई की फ्लाइटें फुल, किराया रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 11:47 PM (IST)

    मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के कारण दिल्ली और मुंबई से पटना आने वाली फ्लाइटें फुल हो गई हैं, जिससे किराए में भारी वृद्धि हुई है। दिल्ली-पटना रूट पर सीटें खत्म होने के कारण यात्री कोलकाता होकर यात्रा करने को मजबूर हैं। मुंबई-पटना सेक्टर में भी स्थिति गंभीर है, जहाँ उड़ानों में सीटें उपलब्ध नहीं हैं और किराया आसमान छू रहा है। एयरपोर्ट प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर रहा है।

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    फ्लाइट के किराए पर दिखा सीएम के शपथ ग्रहण समारोह का असर। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, पटना। मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह का असर हवाई उड़ानों पर भी देखने को मिला। समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली और मुंबई से बड़ी संख्या में एनडीए के केंद्रीय मंत्री, सांसद और कद्दावर नेता पटना पहुंच रहे हैं।

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    इसी वजह से गुरुवार को दोनों महानगरों से पटना आने वाली अधिकांश फ्लाइटें पूरी तरह फुल हो गई हैं। दिल्ली–पटना–दिल्ली सेक्टर में प्रतिदिन 15 जोड़ी विमानों का संचालन होता है, लेकिन गुरुवार को दिल्ली से पटना की सभी उड़ानों की सीटें बुक हो चुकी हैं।

    सीटें खत्म होने के कारण कई यात्री दिल्ली से कोलकाता होकर पटना का टिकट बुक करने को मजबूर हैं। किराए में भी भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है। 19 नवंबर को दिल्ली–पटना का अधिकतम किराया 23,500 रुपये तक पहुंच गया, जबकि दिल्ली–पटना–दिल्ली सेक्टर का न्यूनतम किराया 21,400 रुपये हो गया।

    20 नवंबर को दिल्ली–पटना का किराया 21,493 रुपये से 23,500 रुपये तक रहा। हालांकि, पटना से दिल्ली की उड़ानों में किराया अपेक्षाकृत कम रहा। 19 नवंबर को 5,000 से 7,200 रुपये रहा।

    वहीं, 20 नवंबर को 5,200 से 9,500 रुपये तक रहा। मुंबई–पटना सेक्टर में स्थिति और भी तंग है। प्रतिदिन पांच जोड़ी उड़ान चलने के बावजूद 19 नवंबर को मुंबई से पटना की किसी भी फ्लाइट में एक भी सीट उपलब्ध नहीं थी।

    19 नवंबर को मुंबई–पटना का किराया 21,000 से 22,500 रुपये तक रहा, जबकि 20 नवंबर को यह 23,000 से बढ़कर 25,900 रुपये तक पहुंच गया।

    किराये में यह भारी उछाल और सीटों की कमी स्पष्ट संकेत देती है कि शपथ ग्रहण समारोह में बड़ी संख्या में वीवीआईपी और विशिष्ट मेहमान पटना पहुंच रहे हैं। एयरपोर्ट प्रशासन भी बढ़ती आवाजाही को देखते हुए सुरक्षा और प्रबंधन व्यवस्था को सुदृढ़ करने में जुट गया है।