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    अजगर को कंबल, चिंपांजी को च्यवनप्राश! पटना जू में ठंड से बचाने की अनोखी तैयारियां शुरू

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 11:25 AM (IST)

    पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में ठंड से वन्यजीवों को बचाने के लिए विशेष इंतज़ाम किए गए हैं। अजगर के सेल में कंबल बिछाए गए हैं, तो चिंपांजी को च्यवन ...और पढ़ें

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    शेर के गुफा में लगाया गया हीटर

    राधा कृष्ण, पटना। प्रदेश में कड़ाके की ठंड ने दस्तक देते ही पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में भी वन्यजीवों की ‘विंटर केयर’ शुरू हो गई है। इंसानों की तरह ही अब जू के जानवरों को भी गर्माहट देने के लिए विशेष इंतज़ाम किए गए हैं। कहीं अजगर के सेल में कंबल बिछे हैं, तो कहीं चिंपांजी को च्यवनप्राश और शहद की खुराक दी जा रही है। हाथियों से लेकर पक्षियों तक—हर प्रजाति के लिए अलग से गर्माहट और पोषण का इंतजाम किया गया है।

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    जू के निदेशक हेमंत पाटिल ने बताया कि ठंड का असर सबसे ज्यादा रात में होता है, इसलिए सभी वाइल्ड एनक्लोजर में नाइट हाउस को गर्म रखने के लिए ऑयल हीटर, हीटिंग बल्ब और मोटे पर्दों का उपयोग किया जा रहा है। नाइट हाउस के हर सेल में लकड़ी के प्लेटफॉर्म लगाए गए हैं ताकि जानवरों को जमीन की सर्दी न लगे।

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    बंदर–चिंपांज़ी को कंबल, सरीसृपों के लिए गरम फर्श

    प्राइमेट्स प्रजाति जैसे लंगूर, बंदर, चिंपांज़ी, हूलॉक गिब्बन और लॉयन-टेल मकाक को रात में कंबल ओढ़ाए जा रहे हैं। वहीं सरीसृपों—अजगर, कोबरा, वाइपर और धामिन, के सेल में फर्श पर कंबल बिछाकर तापमान नियंत्रित रखा जा रहा है। इनके आवास में हीटिंग बल्ब भी लगाए गए हैं ताकि ठंड का असर न्यूनतम रहे।

    हाथी–जिराफ–भालू की विशेष देखभाल

    ठंड में ज्यादा प्रभावित होने वाले हाथियों की नियमित रूप से सरसों के तेल से मालिश की जा रही है। उनके खाने में गन्ना, उबला धान, सोयाबीन और मौसमी फल शामिल किए गए हैं, ताकि शरीर में गर्मी और ऊर्जा बनी रहे।


    जिराफ और भालू के आवास में मोटा पुआल बिछाया गया है, जो ठंड से सुरक्षा देता है। भालुओं के लिए विशेष डाइट चार्ट तैयार किया गया है, जिसमें शहद, गुड़ की खीर, अंडा और फलों की मात्रा बढ़ाई गई है।

    चिंपांज़ी की ‘हेल्दी विंटर डाइट’ चर्चा में

    चिंपांज़ी को इस मौसम में च्यवनप्राश की विशेष खुराक दी जा रही है, साथ ही शहद, आँवला मुरब्बा और मौसमी फल भी दिए जा रहे हैं। इससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर गर्म रहता है।

    पक्षियों के घर में गर्माहट और रोशनी का संतुलन

    पक्षियों के इंक्लोज़र को प्लास्टिक शीट और एगरोनेट से कवर किया गया है, ताकि शीतलहर अंदर न जा सके और पर्याप्त धूप भी मिलती रहे।

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    चौबीस घंटे निगरानी

    हर एनक्लोजर में तापमान और स्वास्थ्य स्थिति पर 24 घंटे लगातार नजर रखी जा रही है। किसी भी स्वास्थ्य आपात स्थिति पर तत्काल पशु चिकित्सकों की टीम कार्रवाई के लिए तैयार रहती है।

    समग्र रूप से, चिड़ियाघर में ठंड का मुकाबला करने की तैयारियां इस बार और अधिक व्यापक और आकर्षक हैं। जू प्रबंधन की यह कोशिश है कि हर वन्यजीव इस सर्द मौसम में भी आराम और सुरक्षा के साथ रह सके।