PM Awas Yojana: बिहार में 2030 तक कोई नहीं रहेगा बेघर, नीतीश सरकार उपलब्ध करा रही जमीन
Nitish Kumar: बिहार सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक राज्य में कोई भी बेघर नहीं रहेगा। सरकार भूमिहीन लोगों को घर बनाने के लिए जमीन दे रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पिछले 10 वर्षों में 39 लाख से अधिक गरीब परिवारों को पक्का घर मिला है, जिस पर 53 हजार करोड़ से अधिक रुपये खर्च हुए हैं।
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2030 तक सभी के पास होगा अपना घर। (जागरण)
राज्य ब्यूरो, जागरण। राज्य के सभी बेघरों को वर्ष 2030 तक अपना घर मिल जाएगा। राज्य सरकार आवास विहीन भूमिहीनों को घर के लिए जमीन भी उपलब्ध करा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत इन्हें घर दिया जा रहा है। ग्रामीण विकास विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस योजना के तहत पिछले 10 वर्षों में ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 39 लाख 14 हजार 547 गरीब परिवारों को पक्का घर दे दिया गया है। इस पर 53 हजार 949 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो चुके हैं।
योजना के तहत प्रत्येक लाभुक को 1 लाख 54 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है। इसमें आवास निर्माण के लिए एक लाख 20 हजार, 90 दिनों की मनरेगा मजदूरी के तौर पर 22 हजार 50 और शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार रुपये शामिल हैं। योजना का लाभ लेने के लिए लाभुक के पास खुद की कम से कम 25 वर्ग मीटर जमीन होनी चाहिए।
ग्रामीण विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2021-22 के बीच सबसे अधिक 36 लाख 67 हजार 561 आवास लाभुकों को दिए गए हैं।
36 लाख लोगों का बना मकान
इन सात वर्षों के बीच भौतिक लक्ष्य 37 लाख एक हजार 138 के विरूद्ध 37 लाख 586 लाभुकों को आवास निर्माण के लिए स्वीकृति दी गई। स्थलीय जांच में 36 लाख 67 हजार 561 लोगों का आवास निर्माण कार्य पूरा पाया गया है।
योजना के दूसरे चरण वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 के लिए तय कुल लक्ष्य 12 लाख 21 हजार 605 के विरूद्ध 12 लाख 74 हजार 67 लाभुकों को आवास निर्माण की स्वीकृति दी गई।
इस लक्ष्य के तहत सरकार की ओर से 11 लाख 35 हजार 902 लोगों को पहली किस्त, सात लाख 47 हजार 352 लाभुकों को दूसरी किस्त और तीन लाख 26 हजार 897 लोगों को तीसरी किस्त भुगतान किया गया।
इन लाभुकों में से दो लाख 46 हजार 986 लोगों ने आवास बना लिया है। कुल मिला कर पिछले 10 साल के भीतर बिहार में भवन विहीन 39 लाख 14 हजार 547 लोगों को अपना मकान दिया जा चुका है।

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