पीएमसीएच में 37 बेड वाला नया चर्म रोग इंडोर वार्ड शुरू, आधुनिक सुविधाओं से मिलेगी मरीजों को राहत
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में चर्म रोग विभाग का नया इंडोर वार्ड शुरू हुआ। 37 बेड वाले इस वार्ड में स्किन इंफेक्शन, एलर्जी और जले हुए मरीजों का इलाज होगा। आधुनिक सुविधाओं से लैस यह वार्ड टी-1 टावर में स्थित है। मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा और त्वरित सहायता मिलेगी। इससे पहले 270 बेड का मेडिसिन वार्ड भी शुरू किया गया था।

पीएमसीएच में 37 बेड वाला नया चर्म रोग इंडोर वार्ड शुरू
जागरण संवाददाता,पटना। पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) में चर्म रोग विभाग का 37 बेड वाला नया इंडोर वार्ड शुरू हो गया है। अब स्किन इंफेक्शन, दवाओं के रिएक्शन, एलर्जी और जली हुई त्वचा के मरीजों का इलाज आधुनिक सुविधाओं के साथ किया जाएगा। यह वार्ड विश्वस्तरीय अस्पताल भवन के पहले फेज में स्थापित किया गया है।
सोमवार को अस्पताल अधीक्षक डॉ. आइएस ठाकुर और चर्म रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अनुपमा सिंह की देखरेख में नए वार्ड का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन के दिन 16 से अधिक मरीजों को भर्ती किया गया।
अधीक्षक ने बताया कि चर्म एवं रति रोग विभाग का यह इंडोर वार्ड अब नवनिर्मित टी-1 टावर में स्थानांतरित कर दिया गया है। पहले यह वार्ड दरभंगा हाउस के मुख्य गेट के पास स्थित था। उन्होंने कहा कि नए वार्ड में मरीजों को पहले से कहीं बेहतर चिकित्सा सुविधा, स्वच्छ वातावरण और त्वरित चिकित्सकीय सहायता मिलेगी।
मरीजों को मिलेगी बेहतर सुविधा
विभागाध्यक्ष ने बताया कि इस वार्ड में एलर्जी, रिएक्शन, जले हुए मरीजों और विभिन्न प्रकार के स्किन इंफेक्शन से पीड़ित रोगियों को भर्ती कर उपचार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सुविधा मरीजों को बेहतर उपचार और आराम प्रदान करेगी।
अधीक्षक ने बताया कि इससे पहले 270 बेड का नया मेडिसिन वार्ड पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार को शुरू किया गया था। यह वार्ड टी-1 भवन के दूसरे और चौथे तल पर स्थित है और इसमें पूरी तरह वातानुकूलित कक्ष, आधुनिक मॉनिटरिंग सिस्टम और प्रत्येक बेड पर अलार्म सुविधा उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि पहले पुराने वार्डों में मरीज की हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों को पहुंचने में देरी होती थी, लेकिन अब जैसे ही मरीज की तबीयत बिगड़ती है, वह अलार्म बजा सकता है। इससे नर्सिंग स्टाफ तुरंत मौके पर पहुंचता है और जरूरत पड़ने पर डाक्टर को सूचित किया जाता है। यह नई व्यवस्था मरीजों की जान बचाने में निर्णायक भूमिका निभाएगी। इस अवसर पर डॉ. पंकज तिवारी सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ चिकित्सक व स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।

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