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    Bihar Election 2025: बिहार चुनाव में किसी का बना हुआ खेल बिगड़ा, तो कहीं बिगड़कर भी बन गई बात 

    Updated: Sun, 19 Oct 2025 01:10 PM (IST)

    बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में अभी से सरगर्मी तेज है। महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान है, वहीं भाजपा अपने सहयोगी दलों को साथ लेकर चल रही है। कई सीटों पर दावेदारी को लेकर उलझन है। बिहार चुनाव 2025 में राजनीतिक समीकरणों का खेल दिलचस्प होने वाला है, जहाँ कुछ बने बनाए खेल बिगड़ रहे हैं, तो कुछ बिगड़े हुए बनते नज़र आ रहे हैं।

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    बिहार विधानसभा चुनाव 2025

    भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। शाम तक सिंबल हाथ में था और सुबह यह आदेश हुआ कि आप सिंबल वापस कर दीजिए, टिकट दूसरे को देने का निर्णय हुआ है। एक दृश्य ऐसा कि संभावित प्रत्याशी टिकट के मसले पर अपने नेता को कोसते दिखे।

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    दोपहर मे यह दृश्य था पर शाम में उन्हें ही सिंबल मिल गया। इस बार के विधानसभा चुनाव में इस तरह का दृश्य खूब हैं। नेतृत्व को कोसने और सराहने का सिलसिला परवान पर है।

    जदयू ने जब अपने प्रत्याशियों की सुूची जारी की थी तब अमौर से सबा जफर को टिकट दिया गया था। पर दो-तीन बाद अचानक मंत्री लेशी सिंह के घर मीडिया वालों को बुलाकर राज्यसभा के पूर्व सदस्य साबिर अली को अमौर से टिकट दिए जाने की बात कह दी गयी।

    अमौर से घोषित प्रत्याशी से जदयू ने सिंबल ले लिया। उनकी बात बन गयी थी पर दो-तीन दिनों के भीतर बात बिगड़ गयी। यह दृश्य महागठबंधन में भी दिखा। बात इस पर बनी कि दरभंगा के गौराबौराम से वीआइपी अपना प्रत्याशी देगा।

    घोषणा यह की गयी कि मुकेश सहनी वहां से खुद चुनाव लड़ेंगे। कुछ ही देर में यह बात आयी कि मुकेश सहनी के भाई वहां से लड़ेंगे। दिलचस्प यह था कि राजद ने गौराबौराम से अफजल अली को सिंबल दे रखा था। यहां भी अफजल की बात बनकर बिगड़ गयी।

    लालगंज से शिवानी शुक्ला के निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात थी। राजद से टिकट को ले बात बन नहीं रही थी पर आखिर समय उन्हें राजद ने सिंबल देकर अपना प्रत्याशी बना दिया।

    एनडीए में मढ़ौरा की सीट लोजपा (रा) को मिली थी। वहां उन्होंने भोजपुरी फिल्म की अभनेत्री सीमा सिंह को उतारा। यहां भी बात बनकर बिगड़ गयी। सीमा का नामांकन ही रद हाे गया। राजद ने छपरा से भोजपुरी फिल्म स्टार खेसारी लाल यादव को अपना प्रत्याशी बनाया था। यहां भी बात बनकर बिगड़ी।

    मतदाता सूची के पेच ने खेसारी लाल यादव की पत्नी को मिले टिकट को वापस लेने की स्थिति बन गयी। मजबूरी में खेसारी लाल यादव को राजद ने अपना सिंबल दे दिया। हालिया मामला परिहार सीट का है। इस सीट पर राजद से रीतू जायसवाल का मामला तय था, पर आखिर समय में राजद ने अपने वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री डॉ. रामचंद्र पूर्वे की बहू स्मिता पूर्वे को टिकट दे दिया।

    जाले विधानसभा क्षेत्र में भी इसी तरह का वाकया हुआ। राजद के ऋषि मिश्रा जाले से राजद के टिकट को ले सक्रिय थे पर बात बन नहीं रही थी। अचानक कांग्रेस ने उन्हें अपना प्रत्याशी बना दिया। आनन-फानन मेंं ऋषि मिश्रा ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन कर दिया।

    अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी के साथ भी यही वाकया हुआ। वारसलिगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस ने मनटन सिंह को अपना प्रत्याशी बना दिया। इसके बाद यह चर्चा होने लगी कि अशोक महतो की पत्नी को अब टिकट नहीं मिलेगा, पर बात यहां भी बिगड़ कर बन गयी। कांग्रेस द्वारा प्रत्याशी दिए जाने के बावजूद राजद ने अशोक महतो को वारसलिगंज से सिंबल दे दिया।

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