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    बिहार के युवाओं को उद्यमी बनाने की योजना, हर विश्वविद्यालय में बनेगा 'स्टार्टअप सेल'

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 11:56 AM (IST)

    बिहार सरकार ने राज्य के युवाओं को उद्यमी बनाने के लिए एक नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, प्रत्येक विश्वविद्यालय में एक 'स्टार्टअप सेल' की स्थापन ...और पढ़ें

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    बिहार के उच्च शिक्षण संस्थानों में स्टार्टअप इकोसिस्टम। फाइल फोटो

    दीनानाथ साहनी, पटना। बिहार में औद्योगिकीकरण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही राज्य सरकार सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में स्टार्टअप इकोसिस्टम तैयार करने में जुटी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर शिक्षा विभाग और उद्योग विभाग मिलकर स्टार्टअप इकोसिस्टम के माध्यम से युवाओं को भविष्य के लिए लिए तैयार करेगा।

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    जल्द ही सभी विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थानों में स्टार्टअप सेल को भी स्थापित करने की तैयारी हो रही है। राज्य के उद्योग मंत्री डा. दिलीप कुमार जायसवाल के मुताबिक स्टार्टअप इकोसिस्टम को स्टेप वाइज आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके। इसके लिए विश्वविद्यालयों के अंदर इंफ्रास्ट्रक्चर को भी सुदृढ़ किया जाएगा। बिहार में उद्योग लगाने वाले उद्यमी युवाओं को सुरक्षा सहित सभी आवश्यक सुविधाएं राज्य सरकार मुहैया कराएंगी।

    पढ़ाई के साथ-साथ कमाई के गुर भी सीखेंगे युवा

    शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल में राज्य सरकार ने युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार को प्राथमिकता देने को कहा है। इसके मद्देनजर अब छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ कमाई का गुर भी सिखाया जाएगा। प्रत्येक विश्वविद्यालय में स्टार्टअप को स्टेप वाइज आगे बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस पर उद्योग विभाग के साथ मिलकर स्टार्टअप इकोसिस्टम को तैयार करने पर कार्य योजना बनायी जाएगी।

    ताकि, युवाओं को नौकरी खोजने वालों से नौकरी देने वाला बनाया जा सके। उन्हें उद्यमिता के लिए प्रेरित किया जा सके, कौशल विकास और इनक्यूबेशन सहायता दी जा सके और उन्हें सफल उद्यम स्थापित करने के लिए एक इको-सिस्टम प्रदान किया जा सके। यही व्यवस्था सभी राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालयों एवं पालीटेक्निक संस्थानों में की जाएगी।

    हर छात्र को मिलेगा मेंटरशिप और इनक्यूबेशन सपोर्ट

    प्रस्ताव के मुताबिक उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई करने वाले हर छात्र-छात्रा को बीज निधि (सीड फंडिंग), मेंटरशिप और इनक्यूबेशन सपोर्ट देकर उद्यमी बनने में मदद दी जाएगी। ऐसे

    युवाओं को नवाचार, रोजगार सृजन, व्यावहारिक कौशल, वित्तीय सहायता और उद्यमशीलता की मानसिकता के माध्यम से कई लाभ प्रदान किए जाएंगे, जिससे वे नौकरी चाहने वालों से नौकरी देने वाले बन सकें।

    यहां इनक्यूबेशन सपोर्ट का उद्देश्य है स्टार्टअप और नए व्यवसायों को शुरुआती चरण में विकसित होने और सफल होने के लिए दी जाने वाली मदद से, जिसमें मार्गदर्शन, आफिस स्पेस, फंड (पूंजी), नेटवर्क और तकनीकी सहायता शामिल है। छात्र-छात्राओं को इनक्यूबेशन सेंटर की सुविधा उनके शिक्षण संस्थान में दी जाएगी, जहां अनुभवी पेशेवरों द्वारा सलाह और मार्गदर्शन दिया जाएगा।

    मैनेजमेंट और मार्केटिंग की ट्रेनिंग की सुविधा भी

    पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र-छात्राओं को रोजगार करने एवं उद्यमी बनने के लिए स्किल डेवलपमेंट, मैनेजमेंट और मार्केटिंग की ट्रेनिंग की सुविधा भी दी जाएगी। उद्यम खड़ा करने के लिए शुरुआत में पूंजी की व्यवस्था करायी जाएगी।

    उनकी पहुंच निवेशकों तक बढ़ायी जाएगी। नेटवर्किंग बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि उच्च शिक्षा पाने वाले छात्र सिर्फ नौकरी खोजने की बजाय खुद नौकरी बनाने वाले (जॉब क्रियेटर्स) बनें।

    स्टार्टअप इंडिया सीड फंड से 20 लाख अनुदान की सुविधा

    शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अगर पढ़े-लिखे युवा रोजगार करेंगे तो केंद्र सरकार से भी स्टार्टअप इंडिया सीड फंड से 20 लाख अनुदान की सुविधा दी जाती है। लेकिन, इसके लिए युवाओं को पहले रोजगार करने संबंधी स्किल विकसित करनी होगी।

    इसीलिए सरकार उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं के लिए इनक्यूबेशन सेंटर और नालेज हब को बढ़ावा देने हेतु बुनियादी ढांचे और मार्गदर्शन की सुविधा देने जा रही है।