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    बिहार में शहरी कारोबारियों को संपत्ति कर में 50 प्रतिशत तक छूट, नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 08:25 PM (IST)

    पटना के शहरी कारोबारियों और दुकानदारों को संपत्ति कर में राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार ने 50 प्रतिशत तक छूट का प्रावधान किया है। नर्सिंग होम होटल कुटीर उद्योग और वाणिज्यिक कार्यालयों को संपत्ति कर में राहत मिली है। शॉपिंग मॉल और निजी स्कूल-कॉलेजों को कोई नई छूट नहीं दी गई है।

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    शहरी कारोबारियों को संपत्ति कर में 50 प्रतिशत तक छूट। सांकेतिक तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार ने शहरी कारोबारियों और दुकानदारों को संपत्ति कर में बड़ी राहत देते हुए 50 प्रतिशत तक छूट का प्रविधान किया है।

    चार प्रकार के गैर आवासीय संपत्ति कर में छूट दिए जाने को कैबिनेट से मंजूरी मिली है। इसके लिए बिहार नगरपालिका संपत्ति कर (निर्धारण, संग्रहण और वसूली) नियमावली 2013 के नियम चार में संशोधन किया गया है।

    विभागीय जानकारी के अनुसार, नर्सिंग होम, क्लिनिक, औषधालय, प्रयोगशाला, डायग्नोस्टिक सेंटर पर पहले से लगने वाले तीन गुना संपत्ति कर को आधा कर डेढ़ गुना कर दिया गया है।

    इसी तरह होटल, हेल्थ क्लब, जिम्नाजियम, क्लब और विवाह हाल पर पहले लगने वाले तीन गुना संपत्ति कर को घटाकर दो गुना कर दिया गया है।

    कुटीर उद्योग, 500 वर्गफीट से कम क्षेत्रफल वाले दुकान और एक हजार वर्ग फीट से कम क्षेत्रफल वाले गोदाम का संपत्ति कर में पहले दोगुना था जिसे वापस घटाकर एक गुणा कर दिया गया है।

    वाणिज्यिक कार्यालय, वित्तीय संस्थान, बीमा कंपनियों के कार्यालय, बैंक एवं निजी अस्पताल को भी संपत्ति कर में राहत देते हुए टैक्स तीन गुना से कम कर दो गुणक कर दिया गया है।

    शापिंग माल, कोचिंग, स्कूल-कालेजों को नई छूट नहीं

    विभागीय जानकारी के अनुसार, अन्य गैर आवासीय प्रतिष्ठानों के कर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। शो-रूम, शापिंग माल, सिनेमा हाल, रेस्तरां, बड़े गेस्टहाउस, गोदाम, सभी प्रकार के कोचिंग क्लास, छात्रावास, निजी स्कूल-कालेज आदि को पहले की तरह ही डेढ़ गुणक संपत्ति कर भुगतान करना होगा।

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    संपत्ति कर 2013 से प्रभावी, 2023 में किया गया तिगुना

    नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि संपत्ति कर 2013 से प्रभावी था जिसे 2023 में तीन गुना कर दिया गया था।

    राज्य सरकार ने अनिच्छुक करदाताओं के भुगतान में वृद्धि, राजस्व संग्रहण में सुधार, छोटे दुकानदारों, कुटीर उद्योगों, किफायती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने वाले और छोटे एवं मध्यम व्यावसायियों के हितों को देखते हुए यह निर्णय लिया है।

    इसके लिए विभाग के स्तर पर पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई जिसकी अनुशंसा पर छूट का प्रविधान किया गया है। व्यावसायिक करों में छूट के बाद राजस्व संग्रहण में तेजी आने की उम्मीद है।

    उन्होंने संपत्ति कर में संशोधन की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को भी धन्यवाद दिया है।

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