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    SIR के खिलाफ एकजुटता के लिए राजनीतिक दलों को पत्र लिखेंगे तेजस्वी, 19 जुलाई को दिल्ली में मीटिंग

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 07:12 PM (IST)

    तेजस्वी यादव ने निर्वाचन आयोग पर भाजपा के प्रकोष्ठ की तरह काम करने का आरोप लगाया है। उन्होंने मतदाता सूची के पुनरीक्षण में फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए कहा कि 12-15% मतदाताओं के नाम हटाए जा सकते हैं। उन्होंने INDIA गठबंधन की बैठक में इस मुद्दे को उठाने और अन्य दलों को पत्र लिखने की बात कही। अन्य विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की है।

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    SIR के खिलाफ एकजुटता के लिए राजनीतिक दलों को पत्र लिखेंगे तेजस्वी

    राज्य ब्यूरो, पटना। महागठबंधन के नेताओं के साथ गुरुवार को प्रेस-वार्ता कर तेजस्वी यादव ने एक बार फिर निर्वाचन आयोग पर भाजपा की प्रकोष्ठ की तरह काम करने का आरोप लगाया। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश गुप्ता पर उन्होंने अंगुली खड़ी की और बिहार में मतदाता-सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया।

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    तेजस्वी ने कहा कि एसआईआर के माध्यम से नागिरकों का अधिकार ही नहीं, अस्तित्व भी छीना जा रहा है। महागठबंधन चुप नहीं बैठेगा। 19 जुलाई को नई दिल्ली में आईएनडीआईए (बिहार में महागठबंधन) की बैठक प्रस्तावित है।

    कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में वह बैठक एसआईआर पर केंद्रित होगी। इसके साथ ही एसआइआर के विरुद्ध एकजुटता के उद्देश्य से तेजस्वी देश के महत्वपूर्ण राजनीतिक दलों को पत्र लिखेंगे।

    तेजस्वी बिहार में 12 से 15 प्रतिशत मतदाताओं के नाम मतदाता-सूची से अलग किए जाने की आशंका जता रहे। इस आशंका के आधार से संबंधित प्रश्न को टालते हुए उनका कहना है कि यह आकलन उनके अपने सूत्रों के आधार पर है। दियारा में गरीबों के वोट काटने का षड्यंत्र चल रहा है।

    उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं की मिलीभगत से गणना-प्रपत्र बिना मतदाताओं की सहमति के अपलोड किए जा रहे। किसी सूत्र के माध्यम से तीन दिन पहले 35 लाख नाम हटाए जाने की खबर प्रकाशित-प्रसारित हुई। बाद में चुनाव आयोग ने प्रेस-नोट के माध्यम से वही संख्या बताई। यह तो घालमेल है।

    तेजस्वी ने कहा कि पिछले 17 दिनों के दौरान 22000 मतदान-केंद्रों पर बीएलओ ने एसआईआर की प्रक्रिया नहीं की। चुनाव आयोग भी कोई जानकारी स्पष्ट रूप से नहीं दे रहा है। ईमानदारी से काम नहीं हो रहा।

    इस पर भाजपा के सहयोगी चंद्रबाबू नायडू ने भी प्रश्न खड़ा किया है, लेकिन नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए हैं। निर्वाचन आयोग हमें हटाए जाने वाले नामों की सूची पता और कारण बताते हुए दे। प्रेस-वार्ता में राजद सांसद डॉ. मनोज कुमार झा, संजय यादव, प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव व प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद आदि उपस्थित रहे।

    कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने पहले दिन से ही फर्जीवाड़े की आशंका थी। वही हो रहा। सरनेम देखकर मतदाताओं के नाम काटे जा रहे। विकासशील इन्सान पार्टी के मुकेश सहनी ने कहा कि जिन मतदाताओं का नाम काटा जा रहा, उन्हें पत्र भेज सूचना दी जाए।

    माले के धीरेंद्र झा ने कहा कि 54 प्रतिशत से अधिक गणना-प्रपत्र जमा ही नहीं हुए। भाकपा की निवेदिता झा ने बताया कि उनकी सहमति के बगैर ही उनका फार्म अपलोड कर दिया गया। शिकायत करने पर कहा गया कि आप दोबारा भेज दीजिए। माकपा के अरुण कुमार ने कहा कि मोदी सरकार में संवैधानिक संस्थानों को अंदर से खोखला किया जा रहा है।