नोटों का बंडल देख फिसल गई पटना के दारोगा की नीयत, 17.50 लाख की हेराफेरी में हो गया एक्शन
पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र में जेपी गोलंबर पर वाहन चेकिंग के दौरान एक प्रशिक्षु दारोगा ने बाइक सवार के बैग में नोटों का बंडल देखा और हेरफेर करने लगा। सूचना मिलने पर एसएसपी ने दारोगा इजहार अली को निलंबित कर दिया है। आरोप है कि दारोगा ने थाने में रिपोर्ट नहीं की और युवक को ढाई घंटे तक रोके रखा।

जागरण संवाददाता, पटना। गांधी मैदान थाना क्षेत्र के जेपी गोलंबर पर मंगलवार की रात वाहन चेकिंग के दौरान बाइक सवार के पास बैग में नोटों का बंडल देख प्रशिक्षु दारोगा की नीयत फिसल गई।
वह उसे जांच के नाम पर उलझाए रखा और हेरफेर करते रहा। यहां तक की पास में ही थाना, लेकिन इसकी रिपोर्ट तक नहीं किया। कुछ ही देर में दारोगा की करतूत साहब तक पहुंच गई।
एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में पाया गया कि उन्होंने रकम छिपाने और इसकी रिपोर्ट थाने में नहीं देने की बात सामने आई है।
इस मामले में सब इंस्पेक्टर इजहार अली को तत्काल निलंबित कर दिया गया है। जांच कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।
शाम में सभी सिटी एसपी क्राइम मीटिंग कर रहे थे। गांधी मैदान थानाध्यक्ष भी उस मीटिंग में शामिल थे। इधर सभी थाने की पुलिस रात आठ बजे से वाहन जांच कर रही थी।
गांधी मैदान के प्रशिक्षु दारोगा भी जेपी गोलंबर के पास वाहन जांच कर रहे थे। इसी बीच मधुबनी के निवासी एक युवक बाइक से बुद्धा कॉलोनी स्थित किराए के कमरे पर जा रहे थे।
उनके पास एक बैग था, जिसमें रुपये थे। 2020 बैच के दारोगा इजहार अली उन्हें रोका और पूछताछ करने लगे। बैग की तलाशी ली तो उसमे नोटों का बंडल था। वह उसे किनारे खड़ा किए और करीब ढाई घंटे तक रोके रखा।
सूत्रों की मानें तो बैग में 20 लाख रुपये थे। उन्हें इसकी रिपोर्ट थाने में करनी चाहिए थी, लेकिन वह बाइक सवार के साथ वहीं पर रकम में हेरफेर करने में जुट गए। करीब ढाई घंटे तक वह इस बात की सूचना थाने को नहीं दिए।
इसी बीच किसी ने रुपये की हेरफेर की सूचना वरीय अधिकारी तक पहुंचा दी। इसके बाद गांधी मैदान थानेदार अखिलेश कुमार मिश्रा भी मौके पर पहुंच गए। जिसके पास से रुपये मिले थे, उसे थाने पर बुलाया गया।
उससे पूछताछ की गई। उसके पास से ढाई लाख रुपये मिले। पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया। पुलिस फिलहाल जांच कर रही है।
इनकम टैक्स की डर से तो नहीं चुप हो हाे गया युवक
सूत्रों की मानें तो बाइक सवार को वह रुपये गांधी मैदान के पास किसी ने दिए थे। वह रुपये लेकर बुद्धा कालोनी स्थित अपने कमरे पर जा रहा था।
कयास यह भी लगाया जा रहा है कि अधिक कैश होने की किसी जांच में फंसने से बेहतर मामला वहीं निपटाकर निकलना चाहता हो।
इस बीच मामला सीनियर अधिकारियों और थानाध्यक्ष तक पहुंच गया। जब तक पुलिस जांच शुरू करती वह भी मौके का फायदा उठाकर अमाउंट कम बता दिया हो।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।