जीएसटी लागू होने के बाद तीन गुना से अधिक बढ़ा टैक्स पेयर का बेस, बिहार में भी पड़ा है बड़ा फर्क
जीएसटी प्रणाली से पांच साल में कर राजस्व में दोगुनी वृद्धि बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने दी विस्तार से जानकारी बोले - नई कर प्रणाली लागू होने के बाद हुआ बदलाव जीएसटी दिवस पर वाणिज्य कर विभाग में समारोह ---

राज्य ब्यूरो, पटना। उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि पिछले पांच वर्षों के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से जीएसटी प्रणाली में लोगों का विश्वास बढ़ा है। कर आधार में वृद्धि हुई है। जीएसटी प्रणाली लागू होने के समय टैक्स पेयर बेस मात्र 1.72 लाख था। यह बढ़कर छह लाख से अधिक हो चुका है। उन्होंने कहा कि इसका लाभ बिहार को भी मिला है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में वाणिज्य कर विभाग का राजस्व संग्रह 18,751 करोड़ रुपया था। यह 2021-22 में 35, 884 करोड़ हो गया। वे शुक्रवार को वाणिज्य कर विभाग में आयोजित जीएसटी दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने से कर संग्रहण के क्षेत्र में क्रांति आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में किए गए व्यापक सुधारों का लाभ लोगों को मिल रहा है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में बिहार का बजट 2,17,000 करोड़ रुपये का था। वर्तमान वित्तीय वर्ष में बढ़कर 2,37,000 करोड़ रुपए का हो गया है। बिहार उन पांच राज्यों में शामिल हुआ है, जिसने विगत वित्तीय वर्ष में विकास योजनाओं पर दो लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया। यह सब कुछ हमने कोरोना की वैश्विक चुनौतियों के बीच हासिल किया है। यह प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन तथा विभागीय अधिकारियों के मेहनत एवं संवेदनशीलता से संभव हुआ है।
समारोह में वाणिज्य कर विभाग की आयुक्त सह सचिव डा. प्रतिमा, वरीय अधिकारी अरुण मिश्रा, चैम्बर आफ कामर्स के कॉमर्स के अमित मुखर्जी, बिहार इंडस्ट्री एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अरविंद सिंह सहित विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी, जिलों और अंचलों से आए वाणिज्य कर विभाग के पदाधिकारी, व्यवसायी एवं उद्यमी संघ के प्रतिनिधि शामिल हुए।
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