वीआईपी का प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री नीरज कुमार बबलू पर लगाया सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का आरोप
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मुलाकात कर एक पत्र सौंपकर मंत्री नीरज कुमार बबलू पर सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए अनर्गल व्यक्तव्य देने की शिकायत की और यथोचित कार्रवाई की मांग की।राज्य के मंत्री से यह अपेक्षित होता है कि सार्वजनिक मंच पर अपने आचरण भाषा और वक्तव्य में प्रशासनिक गरिमा तटस्थता और जनसेवा की मर्यादा का पूर्ण पालन करें।

संवाददाता, पटना। विकासशील इंसान पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल आज बिहार के मुख्य निर्वाचन कार्यालय पहुंचा जहां उन्होंने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मुलाकात कर एक पत्र सौंपकर मंत्री नीरज कुमार बबलू पर सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए अनर्गल व्यक्तव्य देने की शिकायत की और यथोचित कार्रवाई की मांग की।
पत्र में कहा गया है कि 10 जुलाई को सुपौल जिले में आयोजित बिहार सरकार के 'मछुआरा दिवस' कार्यक्रम के दौरान मंत्री नीरज कुमार बबलू द्वारा सार्वजनिक मंच से पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के खिलाफ आपत्तिजनक, अनर्गल, और राजनैतिक दुर्भावना से प्रेरित वक्तव्य दिए गए। उक्त कार्यक्रम शुद्ध रूप से शासकीय उद्देश्य के लिए आयोजित था, जिसे मंत्री द्वारा एक राजनीतिक मंच में बदल देना, लोकतांत्रिक गरिमा और संवैधानिक मर्यादा का सीधा उल्लंघन है।
साथ ही कहा कि लोक सेवक के रूप में किसी भी मंत्री द्वारा अपने पद का दुरुपयोग राजनीतिक पक्षपात, दूस्प्रचार अथवा व्यक्तिगत दुर्भावना से प्रेरित वक्तव्य के लिए नहीं किया जा सकता। राज्य के मंत्री से यह अपेक्षित होता है कि सार्वजनिक मंच पर अपने आचरण, भाषा और वक्तव्य में प्रशासनिक गरिमा, तटस्थता और जनसेवा की मर्यादा का पूर्ण पालन करें।
इस प्रकार की टिप्पणी न केवल पूर्व मंत्री के सम्मान को ठेस पहुँचाने वाली है, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा और शुचिता को भी आघात पहुँचाती है। आयोग से आग्रह किया गया है कि इस घटना की स्वतंत्र एवं उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और मंत्री नीरज कुमार बबलू के विरुद्ध प्रासंगिक संवैधानिक व वैधानिक प्रावधानों के तहत कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। प्रतिनिधिमंडल ने अपेक्षा करते हुए कहा कि इस विषय पर संज्ञान लेते हुए लोकहित में त्वरित और कठोर निर्णय लिया जाएगा।
वीआईपी ने ऐसा ही एक पत्र बिहार सरकार सचिव, मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार सरकार को भी भेजा है।
इस प्रतिनिधिमंडल में वीआईपी के वरिष्ठ नेता डॉ. सुनील कुमार सिंह, प्रो. दिनेश सहनी, मोहम्मद नुरुल होदा, बी के सिंह, देव ज्योति और अर्जुन सहनी शामिल थे.
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