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    Leshi Singh: विधायक बनते ही हो गई पति की हत्या, हौसले की जीती-जागती मिसाल है तीसरी बार मंत्री बनीं लेशी सिंह

    By Rajiv KumarEdited By: Nishant Bharti
    Updated: Thu, 20 Nov 2025 12:53 PM (IST)

    बिहार सरकार की मंत्री लेशी सिंह ने 2000 में समता पार्टी से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। धमदाहा क्षेत्र से उन्होंने कई बार जीत हासिल की और महिला आयोग की अध्यक्ष भी रहीं। 2000 में विधायक बनने के तुरंत बाद उनके पति की हत्या हो गई, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। लेशी सिंह सीमांचल में पार्टी का एक मजबूत चेहरा हैं और अपनी कुशलता के लिए जानी जाती हैं।

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    लेशी सिंह की कहानी

    जागरण संवाददाता, पूर्णिया। बिहार सरकार की निवर्तमान खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री लेशी सिंह पहली बार सन 2000 में समता पार्टी से विधायक चुनी गई थी। धमदाहा विधानसभा क्षेत्र से मिली इस पहली जीत के बाद उनका राजनीतिक सफर लगातार ऊंचाइयों की ओर अग्रसर रहा। 

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    फरवरी 2005 के चुनाव में भी वे जनता दल यू से विजयी रही, लेकिन अक्टूबर 2005 के चुनाव में वे पराजित हो गई। पार्टी के प्रति निष्ठा के चलते उनका कद इससे कतई छोटा नहीं होने दिया गया। 

    2007 में महिला आयोग की अध्यक्ष

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा वर्ष 2007 में उन्हें महिला आयोग की अध्यक्ष मनोनीत किया गया। आयोग के अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल काफी सफल रहा और उन्हें पूरे सूबे में अपनी अलग पहचान बनायी। 

    इससे पूर्व पार्टी की महिला प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने बेहतर कार्य किया। वर्ष 2010 के चुनाव में उन्होंने धमदाहा से पुन: जीत दर्ज की और वर्ष 2014 में पहली बार राज्य मंत्रिमंडल में उन्हें शामिल किया गया।

    2025 में जीत का छक्का

    उसके बाद वर्ष 2015, वर्ष 2020 व अब 2025 की जीत के साथ वे धमदाहा विधानसभा क्षेत्र से जीत का छक्का लगा चुकी है। वर्ष 2015 के मंत्रिमंडल में भी उन्हें स्थान मिला और फिर वर्ष 2020 में भी वे खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री का दायित्व निभाया। 

    सीमांचल में पार्टी का सबसे सशक्त चेहरा बन चुकी लेशी सिंह ने इंटर तक की शिक्षा ग्रहण की है। वर्ष 2000 में पहली बार विधायक बनने के चंद माह बाद ही उनके पति की हत्या हो गई थी, लेकिन वे इस आघात से भी विचलित नहीं हुई। 

    विधानसभा क्षेत्र के ही सरसी गांव की रहने वाली लेशी सिंह अब पार्टी के स्तर पर भी एक मजबूत चेहरा बन चुकी है और क्षेत्र के अलावा राज्य में उनकी अलग छवि मानी जाती है। महिला राजनीतिज्ञ के रूप में उनकी कुशलता का लोहा सभी मानते हैं।