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    Bihar Election Result: यहां महागठबंधन के साथ ही रहा MY समीकरण, फिर भी हुई हार

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 03:38 PM (IST)

    बिहार चुनाव परिणाम में महागठबंधन का MY समीकरण साथ रहने के बावजूद हार हुई। इस हार ने राजनीतिक पंडितों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। MY समीकरण के समर्थन के बाद भी महागठबंधन को विजय नहीं मिली, जो उनके लिए एक बड़ा झटका है और रणनीति पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।

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    राजद प्रत्याशी बीमा भारती। फाइल फोटो

    संवाद सूत्र, रूपौली( पूर्णिया)। विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतों को अपने पक्ष में ध्रुवीकरण को लेकर पूर्व मंत्री बीमा भारती एवं पूर्व विधायक शंकर सिंह के बीच में बडा ही दिलचस्प नजारा विधानसभा चुनाव में देखने को मिला। दोनों अपने-अपने पक्ष में मुस्लिम मतदाताओं को करने के लिए सारे पैंतरे इस्तेमाल किये।

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    इतना ही नहीं पूर्व विधायक शंकर सिंह का परंपरागत मत मछुआरा एवं शर्मा के मतों में भी महागठबंधन प्रत्याशी बीमा भारती ने सेंधमारी कर दिया तथा शंकर सिंह का खेल बिगाड़ दिया। अंतिम दौर में राजद प्रत्याशी बीमा भारती मुस्लिम मतों को अपने पक्ष में करने में सफल रहीं तथा अपवाद छोड दें, तो मुस्लिम मतदाताओं ने अपना मत देकर उनपर भरोसा जताया।

    यह बता दें कि पिछले उपचुनाव में मुस्लिम मतदाता में उहापोह की स्थिति बन गई थी तथा आखरी समय में उन्होंने पूर्व विधायक शंकर सिंह को अपना मत देने का मन बनाया तथा उनके पक्ष में मतदान किया था तथा जीत दर्ज करवा दी थी।

    इस बार भी पूर्व विधायक शंकर सिंह को लगा था कि मुस्लिम मतदाता उनकी ओर ही रहेंगे तथा इसको लेकर यहां के मुस्लिम नेता, मुखिया आदि ने उनके पक्ष में जोरदार ढंग से अंतिम दिन तक प्रचार-प्रसार किया था।

    लग रहा था कि पूर्व की तरह इसबार भी मुस्लिमों का मत उनके पक्ष में ध्रुवीकरण होगा, परंतु जब रिजल्ट आया, तब देखा गया कि शंकर सिंह को महज अपवाद स्वरूप ही मुस्लिमों का मत मिल पाया। पूरे चुनाव शकर सिंह को इसकी भनक तक नहीं मिल पायी।

    इतना ही उनका परंपरागत मछुआरा एवं शर्मा मतदाताओं में भी सेंध लगा दी गई। महागठबंधन के प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए एक सुनियोजित तरीके महागठबंधन के घटक दल के नेता अन्य क्षेत्रों से रूपौली विधानसभा पहुंचे तथा विधायक शंकर सिंह के मतदाताओं पर धावा बोला तथा उनके मतों को अपने पक्ष में गोलबंद करने में सफल रहे।

    कुछ इसी कारण पूर्व विधायक शंकर सिंह लगभग तीस हजार पर सिमट गए, वहीं पिछले साल उपचुनाव में लगभग 33 हजार मतों पर सिमटी बीमा भारती, लगभग 52 हजार के आंकडे तक पहुंच गयीं। वहीं पूर्व विधायक शंकर सिंह लगभग तीस हजार का भी आंकडा नहीं पार कर सके।