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    Operation Sindoor Debate में Pappu Yadav MP ने दिखाए कड़े तेवर... हिंदू-मुस्लिम राजनीति पर जमकर बरसे

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 12:48 AM (IST)

    Operation Sindoor Debate लोकसभा में आपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा में भाग लेते हुए पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव हिंदू-मुसलमान राजनीति पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार वाकई राष्ट्रवाद की बात करती है तो पहले मानवतावाद संवैधानिक जिम्मेदारी और जवाबदेही की बात करे। कहा जिस दिन आप हिंदू-मुसलमान की राजनीति बंद करेंगे उस दिन आप एक भी सीट नहीं जीत पाएंगे।

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    Operation Sindoor Debate: लोकसभा में आपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा में पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव हिंदू-मुसलमान राजनीति पर बरसे।

    जागरण संवाददाता, पूर्णिया। लोकसभा में पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज आपरेशन सिंदूर पर आयोजित विशेष चर्चा में हिस्सा लेते हुए आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा और पड़ोसी देशों से भारत के संबंधों को लेकर केंद्र सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने सवाल उठाया कि पुलवामा हमले में तीन क्विंटल बारूद भारत की जमीन पर कैसे पहुंचा और किसकी जिम्मेदारी थी।

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    पप्पू यादव ने 2001 से लेकर अब तक हुए हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि उरी से पहलगाम तक 23 से ज्यादा बड़े आतंकी हमले हुए, लेकिन सरकार हर बार भावनात्मक मुद्दों का राजनीतिकरण कर चुनाव लड़ती रही। उन्होंने पुलवामा के शहीदों और कश्मीर के आम लोगों को याद करते हुए कहा, जो भाई-बहन, जो पिट्ठू लेकर जवानों की रक्षा करते हैं, जो घोड़े पर चढ़कर हमारी मदद करते हैं, वे कश्मीर के असली सपूत हैं। सदन और देश उनके प्रति कृतज्ञ है।

    पप्पू यादव ने यह भी कहा कि धारा 370 को हटाने के बाद आतंकवाद खत्म होने का दावा किया गया, लेकिन जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। उन्होंने केंद्र सरकार पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा, पुलवामा के बाद सरकार ने चुनाव जीत लिया, लेकिन तीन क्विंटल बारूद के पीछे कौन था। यह कभी सामने नहीं आया। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि सैनिक सब कुछ जानते हैं, लेकिन उनकी बातों को दबा दिया जाता है।

    उन्होंने गृह मंत्री से पूछा, क्या इंटेलिजेंस फेल्योर आपकी जिम्मेदारी नहीं है। अपने भाषण के दौरान सांसद ने विदेश नीति पर भी सरकार की आलोचना की और कहा कि भारत अपने पारंपरिक पड़ोसी मित्रों से दूर हो गया है। नेपाल, मालदीव, बांग्लादेश, श्रीलंका और ईरान जैसे देश या तो चीन की ओर झुक गए हैं या भारत से नाराज हैं।

    उन्होंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और नेहरू के समय के उदाहरण देते हुए कहा कि भारत पहले इन देशों का नेता और संरक्षक था, आज सिर्फ मूकदर्शक बन गया है। पप्पू यादव ने अंत में कहा कि अगर सरकार वाकई राष्ट्रवाद की बात करती है, तो पहले मानवतावाद, संवैधानिक जिम्मेदारी और जवाबदेही की बात करे। उन्होंने दो टूक कहा, जिस दिन आप हिंदू-मुसलमान की राजनीति बंद करेंगे, उस दिन आप एक भी सीट नहीं जीत पाएंगे।

    सीमांचल क्षेत्र के विकास को लेकर जताई चिंता

    पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने लोकसभा में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय तथा जनजातीय कार्य मंत्रालय से सीमांचल क्षेत्र के विकास को लेकर दो अलग-अलग सवाल पूछे। उन्होंने विशेष रूप से पूर्णिया जैसे जिलों में लघु और मध्यम उद्यमों के विस्तार, स्थानीय युवाओं के स्वरोजगार, एमएसएमई क्लस्टर विकास और आदिवासी बहुल क्षेत्रों में एकलव्य मॉडल स्कूल (ईएमआरएस) की स्थापना जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया।

    सांसद पप्पू यादव ने अतारांकित प्रश्न संख्या 885 के तहत एमएसएमई मंत्री से पूछा कि क्या सीमांचल में एमएसएमई के विस्तार और स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की कोई योजनाएं हैं। क्या सरकार इस क्षेत्र को एमएसएमई क्लस्टर के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने क्षेत्र में उद्यमिता विकास केंद्र, औद्योगिक प्रशिक्षण कार्यक्रम और आसान ऋण सुविधा जैसी योजनाओं के क्रियान्वयन और भविष्य के खर्च एवं रणनीति की जानकारी भी मांगी।

    इसके जवाब में एमएसएमई राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा कि मंत्रालय देशभर में विभिन्न योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, पीएम विश्वकर्मा योजना, एमएसएमई चैंपियंस स्कीम और क्लस्टर विकास कार्यक्रम के तहत एमएसएमई को बढ़ावा देता है, जो राज्यवार न होकर मांग आधारित होती हैं। हालांकि, बिहार या सीमांचल क्षेत्र के लिए विशेष कोई प्रस्ताव फिलहाल मंत्रालय के पास लंबित नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एमएसई सीडीपी योजना के तहत कोई भी क्लस्टर प्रस्ताव राज्य सरकारों से मांग के आधार पर प्राप्त होता है, लेकिन अब तक पूर्णिया, किशनगंज या कटिहार के लिए कोई प्रस्ताव केंद्र को नहीं भेजा गया है।

    इसी कड़ी में पप्पू यादव ने अतारांकित प्रश्न संख्या 871 के जरिए जनजातीय कार्य मंत्रालय से पूछा कि एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) की बिहार के आदिवासी बहुल क्षेत्रों, विशेष रूप से पूर्णिया में क्या स्थिति है। इस पर राज्यमंत्री दुर्गादास उइके ने जवाब देते हुए कहा कि 2018-19 के बजट में यह प्रावधान था कि जहां 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जनजाति की आबादी और 20,000 से अधिक जनसंख्या है, वहां ईएमआरएस खोले जाएंगे।

    उन्होंने कहा कि पूर्णिया जिले जैसे क्षेत्रों में यह दोनों मानदंड पूरे नहीं होते हैं, इसलिए यहां ईएमआरएस की स्थापना को मंजूरी नहीं दी गई है। यानी सीमांचल के कई आदिवासी क्षेत्रों को फिलहाल इस योजना से बाहर रखा गया है। पप्पू यादव ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार सिर्फ तकनीकी आंकड़ों के आधार पर पिछड़े और जरूरतमंद क्षेत्रों को वंचित कर रही है। उन्होंने मांग की कि सीमांचल जैसे क्षेत्रों के लिए विशेष नीति और लचीले मापदंड अपनाए जाएं, ताकि यहां के युवाओं और जनजातीय समाज को भी समान अवसर मिल सके।

    दुर्घटना में बेटे को खोए परिवार से मिले सांसद पप्पू यादव

    नगर निगम क्षेत्र के महबूब खां टोला निवासी मो. हाशिम के पुत्र मो. शहवाज की हाल ही में एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। यह हादसा एक सफेद बोलेरो गाड़ी से हुआ, जिस पर पुलिस लिखा था, जिससे पूरे इलाके में आक्रोश फैल गया। घटना की जानकारी के उपरांत पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव शोकाकुल परिवार से बीते दिनों मिलने पहुंचे, गहरी संवेदना व्यक्त की और पीड़ित परिवार को 25,000 रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान की। सांसद ने घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर पूर्णिया आईजी से फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि जिस गाड़ी से यह घटना हुई, उस पर ‘पुलिस’ लिखा होना गंभीर संकेत देता है। ऐसे मामलों में किसी भी जिम्मेदार को बख्शा नहीं जाना चाहिए।