Bihar School: बच्चों का भविष्य अधर में, जमीन के अभाव में 5 दर्जन से ज्यादा स्कूलों का वजूद खत्म
बिहार में भूमि की कमी के कारण 50 से अधिक स्कूल बंद होने के कगार पर हैं, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में है। जमीन उपलब्ध न होने के कारण इन स्कूलों का अस्तित्व खतरे में है और शिक्षा विभाग इस समस्या से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है। स्कूल बंद होने से बड़ी संख्या में छात्रों की शिक्षा प्रभावित होगी। शिक्षा विभाग समाधान खोजने का प्रयास कर रहा है।

जमीन के अभाव में बंद हो गए जिले के पांच दर्जन सरकारी विद्यालय। सांकेतिक फोटो
जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। भूमिहीन विद्यालयों को जमीन उपलब्ध कराने में जिला प्रशासन नाकाम रहा है। यही वजह है कि शिक्षा विभाग को पिछले छह माह के अंदर जिले में 67 सरकारी विद्यालयों का अस्तित्व खत्म करना पड़ा है।
जिन विद्यालयों का अस्तित्व समाप्त कर समीप के स्कूल में संवलियत (मर्ज) किया गया है, उनमें से अधिकतर नवसृजित प्राथमिक विद्यालय हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे स्कूल भी हैं, जिनकी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पहचान भी रही है।
अब वह न तो धरातल पर रह गया है न उसका नाम अभिलेख में रहा। अभी भी 40 से अधिक विद्यालय इस लाइन में खड़े हैं, जिसका वजूद आने वाले दिनों में समाप्त होने वाला है। संबंधित गांव के बच्चों के लिए उनके यहां विद्यालय होने की बात कहानी बनकर रह गई है।
जिन गांवों में इस शर्त के साथ समाप्त किया गया है कि अपना भूमि व भवन होने पर दोबारा स्थापित किया जाएगा। जिले में फिलहाल काराकाट प्रखंड में एक विद्यालय पाया गया है, जमीन व भवन मिलने पर उसे दोबारा स्थापित किया गया है।
पांच वर्ष पूर्व विभाग ने 122 भूमिहीन विद्यालयों को मर्ज करने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा था। पहले फेज में 15 और दूसरे चरण में 52 सरकारी विद्यालयों का अस्तित्व समाप्त कर चुका है।
विभाग ने जिला प्रशासन को कई बार मौका दिया था कि वह दूसरे विद्यालय में शिफ्ट होकर संचालित होने वाले भूमिहीन विद्यालयों को भवन के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध कराए, लेकिन राजस्व विभाग से जुड़े अधिकारी रणनीति बनाने व निर्देश देने के सिवाय और कुछ नहीं कर सके हैं।
उसी विद्यालय को भूमि उपलब्ध हो पाई, जहां के ग्रामीण स्वेच्छा से दान दिए हैं, जिसके लिए भवन निर्माण की राशि विभाग की ओर से स्वीकृत की गई है। अब तक जिन विद्यालयों को मर्ज किया जा चुका है, उनमें सासाराम शहर के करन सराय मोहल्ला की कन्या व बालक प्राथमिक विद्यालय भी शामिल हैं। एक समय में इस स्कूल की अपनी अलग पहचान थी। कन्या प्राथमिक विद्यालय 1960 से पहले रात में संचालित होता था।
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