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    शर्मनाक: 50 हजार में गिरवी रखी जा रहीं बेटियां, आर्केस्ट्रा वाले गुलाम बनाकर कर रहे शोषण

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 02:56 PM (IST)

    सासाराम में आर्केस्ट्रा और थिएटर कंपनियों की आड़ में नाबालिग बच्चियों का दैहिक शोषण हो रहा है। नासरीगंज, मलियाबाग, सासाराम और नटवार थाना क्षेत्रों में ...और पढ़ें

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    आर्केस्ट्रा में नाचती डांसर। फाइल फोटो

    ब्रजेश पाठक, सासाराम (रोहतास)। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में तीन दर्जन से अधिक स्थानों पर चल रहे आर्केस्ट्रा व थियेटर कंपनियों की आड़ में नाबालिग बच्चियों का दैहिक शोषण जारी है। नासरीगंज, मलियाबाग, सासाराम और नटवार थाना क्षेत्र में पांच सौ से अधिक लड़कियां छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के अलावा राज्य के विभिन्न जिलों से लाई गई हैं।

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    24 नवंबर को नासरीगंज थाना क्षेत्र के बरडीहा में छापेमारी कर 17 नाबालिग बच्चियों को पुलिस ने मुक्त कराया है। इसके आठ माह पूर्व मार्च माह में नटवार के जानकी डांस ग्रुप से 41 बच्चियों को मुक्त कराया गया था, जिसमें अधिकांश छत्तीसगढ़ की रहने वाली थीं।

    बाल कल्याण समिति ने भी पुलिस प्रशासन द्वारा कोई ठोस एक्शन प्लान नहीं तैयार करने पर चिंता जताई है। खास यह कि बाहर से राज्यों से बेटियों को लाने वाले सौदागरों तक पुलिस नहीं पहुंच पा रही है।

    काम के नाम पर शोषण 

    एसपी रौशन कुमार कहते हैं कि नासरीगंज के बरडीहा से मुक्त कराई गई बच्चियों को आर्केस्ट्रा में काम देने के नाम पर अनैतिक कार्य करवाया जा रहा था। उनके द्वारा एएसपी संकेत कुमार के नेतृत्व में गठित टीम ने आर्केस्ट्रा संचालक ममता विश्वकर्मा, गीता कुंवर व रमण कुमार पासवान उर्फ मुन्ना को गिरफ्तार कर 17 नाबालिग लड़कियों को उनके चंगुल से मुक्त कराया था।

    आर्केस्ट्रा संचालकों ने पूछताछ के क्रम में स्वीकार किया कि वे मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत देश के विभिन्न राज्यों से लड़कियों को बहला-फुसला कर लाते हैं तथा उनसे आर्केस्ट्रा की आड़ में अनैतिक कार्य करवाते हैं। इस घटना में कुल 11 लोगों को नामजद किया गया है, जिसमें 8 लोगों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो पाई है।

    50 हजार से एक लाख तक में गिरवी रखी जा रही बेटियां

    बाल कल्याण समिति से जुड़े संतोष उपाध्याय बताते हैं कि नाबालिग बच्चियां दैहिक दासता की शिकार आर्केस्ट्रा व नाच पार्टियों के यहां बनी हुई हैं। कार्रवाई के नाम पर महज खानापूरी की जा रही है। कुछ बच्चियों को 50-50 हजार रुपये में दलाल को बेचा गया था।

    अन्य बेटियों को भी 50 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक में दलाल खरीद कर यहां नाच पार्टियों को बेच देते हैं। नटवार, मलियाबाग, अमरी, बेदा समेत अन्य जगहों पर नाचने का काम दिलाने के लिए दलाल छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश में सक्रिय हैं। नाच की आड़ में अधिकांश को देह व्यापार में धकेल दिया जाता है। मना करने पर पिटाई भी की जाती है।

    किराए पर मकान लेकर कर रहे अनैतिक कार्य

    मलियाबाग, नासरीगंज व नटवार में अधिकांश थिएटर तथा आर्केस्ट्रा कंपनियों के संचालक किराया पर मकान लेकर संचालन कर रहे हैं। थियेटर व आर्केस्ट्रा पार्टी की दुकानों से अलग कुछ दूरी पर इन लड़कियों को रखने के लिए भी कई मकान किराए पर लिए गए हैं। जिसकी जानकारी पुलिस-प्रशासन को भी रहती है।

    होटल में काम करने के नाम पर आई हैं कई बच्चियां

    छत्तीसगढ़ के रायपुर जिला की मुक्त हुई कुछ बच्चियों का कहना है कि यहां के दलाल वहां से रेस्टोरेंट में आठ से दस हजार रुपये महीना दिलाने के नाम पर लाते हैं। फिर उन्हें डांस ग्रुप व आर्केस्ट्रा वालों को नाच सिखाने के लिए दे देते हैं।

    कुछ ही दिन में उन्हें स्टेज में नाचने के लिए भेजे जाने लगा। इसी बीच शारीरिक संबंध बनाने पर विवश किया जाता है। मना करने पर मारपीट की जाती है। उन्हें लगातार प्रताड़ित कर देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया जाता है।