रोहतास में रोपवे निर्माण कार्य नहीं पूरा होने से लोगों में मायूसी, अक्टूबर में प्रारंभ होने की संभावना
रोहतासगढ़ किले तक पहुँचने के लिए बन रहे रोपवे का निर्माण धीमी गति से होने के कारण स्थानीय लोगों और पर्यटकों में निराशा है। जिला पदाधिकारी ने समय सीमा बढ़ाकर सितंबर तक कर दी है पर काम पूरा होता नहीं दिख रहा। ग्रामीणों का कहना है कि रोपवे से यातायात और रोजगार विकसित होंगे।

संवाद सहयोगी. डेहरी आन सोन (रोहतास)। रोहतासगढ़ किला तक पहुंच स्थापित करने के लिए रोहतास प्रखंड मुख्यालय के निकट से रोहितेश्वर धाम तक बन रहे रोपवे का निर्माण की गति धीमी है। इससे स्थानीय लोगों व सैलानियों के बीच में मायूसी है। रोपवे निर्माण की समय सीमा कई बार जिला पदाधिकारी ने बढ़ाते हुए कार्य में तेजी लाने को ले सितम्बर माह तक अंतिम समय सीमा विभाग को दिया है। लेकिन कार्य पूरा नहीं होता नहीं दिख रहा है।
हालांकि रोपवे निर्माण कंपनी और पुल निर्माण निगम का दावा है कि इसे सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन कार्य की स्थिति देख लगता है कि यह इस वर्ष अंत तक पूरा हो जाए तो काफी है। विदित हो कि किला पर जाने के लिए अभी तक कोई सड़क का निर्माण नहीं हो सका है। एक मात्र रोपवे ही सहारा है। अन्यथा 1580 मीटर ऊंची दुर्गम पहाड़ी की चढ़ाई कर ग्रामीण व पर्यटक चौरासन मंदिर व रोहतास किला तक पहुंचते हैं।
रोपवे निर्माण से सैलानियों को सुगमता के साथ किले तक जाने में सहूलियत होगी। निर्माण कार्य का प्रथम फेज सर्वे का कार्य निर्माण एजेंसी द्वारा पुरा कर वर्ष 2020 में पूरा कर लिया गया था। स्टकचर निर्माण कार्य 12 करोड़ पैसठ लाख रुपए की लागत से राज्य पुल निर्माण निगम पटना के देख रख में रोपवे एंड रिसोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कोलकोता द्वारा 21 फरवरी 2020 से 15 महीने अर्थात अप्रैल 2021 तक कार्य पूरा कर टूरिज्म डिपार्टमेंट को हस्तानांतरित कर दिए जाने की योजना थी। तीन बार कंपनी को समय सीमा बढ़ाया गया। बावजूद इसके पांच वर्षों में भी कार्य अधूरे है। हालांकि निर्माण कार्य में वर्तमान समय में तेजी लाई गई है।
कहते है ग्रामीण
कैमूर पहाड़ी पर बसे गांव बभन तालाब निवासी पूर्व मुखिया कृष्ण सिंह यादव, मोती उरांव कहते है कि इसके बन जाने से नागा टोली, ब्रम्ह देवता एवं बभन तालाब गाव में यातायात एवं रोजगार विकसित होंगे। इन गावो के लोग आज भी पहाड़ी से पैदल ही उतरते है। वहीं रोहतास गढ़ किला पर जाने के लिए सैलानियों का मार्ग सुगम हो जाएगा। किंतु कार्य में विलंब होने से लोगों में मायूसी का आलम है। कई बार अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि अब चालू हो जाएगा।
क्या कहते है अधिकारी
रोपवे का अस्टकचर तैयार कर लिया गया है।सबकुछ ठीक रहा तो अक्टूबर माह में प्रारंभ कर दिया जाएगा।कार्य तीव्र गति से प्रारंभ है।
करीम खुर्शीद, वरीय परियोजना अभियंता, पुल निर्माण निगम कार्यालय भोजपुर आरा
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