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    Bihar Teacher: 'डीएम-डीडीसी को बोल दीजिए, हम नहीं करेंगे चुनाव संबंधी कार्य'; सासाराम में शिक्षकों का फैसला

    Updated: Thu, 05 Jun 2025 05:48 PM (IST)

    सासाराम में चुनाव कार्य से इनकार करने वाले आठ शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। शिक्षा विभाग ने इन शिक्षकों से बीएलओ के रूप में अपेक्षित जानकारी अपडेट करने को कहा था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और चुनाव कार्य से इनकार कर दिया। अधिकारियों ने इसे लापरवाही मानते हुए स्पष्टीकरण मांगा है और संतोषजनक जवाब न मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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    'डीएम-डीडीसी को बोल दीजिए, हम नहीं करेंगे चुनाव संबंधी कार्य'; सासाराम में शिक्षकों का फैसला

    जागरण संवाददाता, सासाराम। साहब आप बार-बार हमें फोन कर परेशान मत कीजिए। डीएम-डीडीसी को बोल दीजिए हमें चुनाव संबंधी कार्य नहीं करना है। यह वाकया है, जिले के नोखा प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत आठ विशिष्ट शिक्षकों का। इसे गंभीरता से लेते हुए विभागीय अधिकारी ने संबंधित शिक्षकों को स्पष्टीकरण मांगते हुए तीन दिनों के अंदर जवाब मांगा है।

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    जवाब संतोषजनक नहीं रहा, तो उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। जिन शिक्षकों को शो-काज किया गया है उनमें मध्य विद्यालय मुजराढ़ के अनिल कुमार गुप्ता व अनिल कुमार, मवि मठिया के मो. फिरोज अंसारी, उवि गढ़नोखा के मोरध्वज सिंह, मवि छतौना के दीपक कुमार तिवारी, मवि रघुनाथपुर के विकास कुमार, मवि घोसिया के संजय सिंह व मवि भवरह के संतोष कुमार शामिल हैं।

    शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना निशांत गुंजन ने बताया कि निर्वाचन कार्य को देखते हुए बीएलओ से नाम, पदनाम, मोबाइल व ईपिक नंबर के अलावा मतदान केंद्रों की अक्षांश व देशांतर की मांग की गई थी। सभी बीएलओ को 25 मई तक हर हाल में सूचना को अपडेट करना था। समीक्षा के दौरान आठ बीएलओ द्वारा वांछित सूचना अपडेट नहीं किया गया।

    संपर्क करने पर भी उनके द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया और कहा गया कि हमें फोन कर परेशान नहीं किया जाए। डीएम व डीडीसी से कह दीजिए कि हम लोग चुनाव संबंधी कोई भी कार्य नहीं करेंगे। इन शिक्षकों द्वारा पूर्व में भी भारत निर्वाचन आयोग व जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा सौंपे गए कार्यों के प्रति शिथिलता बरती गई है।

    अधिकारी ने कहा कि किसी भी सरकारी सेवक का इस तरह का व्यवहार गैर जिम्मेदाराना व कार्य के प्रति लापरवाही, स्वेच्छाचारिता तथा उच्चाधिकारियों के निर्देशों का अवहेलना है।

    इसे गंभीरता से लेते हुए संबंधित शिक्षकों को निर्देश दिया गया कि वे पत्र प्राप्ति के तीन दिन के अंदर अपना जवाब लिखित रूप में उपलब्ध कराएं। निर्धारित समय के अंदर संतोषजनक जवाब नहीं आता है तो उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई प्रारंभ कर दी जाएगी।