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    Samastipur: बांस की खेती से किसान होंगे मालामाल, सरकार दे रही बंपर सब्सिडी; अप्लाई करना है आसान

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 04:01 PM (IST)

    समस्तीपुर में राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत बांस की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे किसानों को स्वरोजगार मिलेगा। उद्यान विभाग द्वारा 27 जिलों के किसान लाभान्वित होंगे और समस्तीपुर में 17 हेक्टेयर का लक्ष्य है। बांस की खेती पर अनुदान मिलेगा जिससे किसान आत्मनिर्भर बन सकेंगे। वित्तीय वर्ष 2025-26 में बाउंड्री प्लांटेशन के रूप में बांस की खेती का भी प्रावधान है।

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    बांस की खेती से किसानों का संवरेगा जीवन

    प्रकाश कुमार, समस्तीपुर। राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के तहत बांस की खेती करने को प्रोत्साहित कर स्वरोजगार को बढ़ावा देने का काम हो रहा है। इसमें वैसी भूमि का उपयोग हो पाएगा, जहां अन्य कोई फसल नहीं होती है। इससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।

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    उद्यान विभाग की इस पहल से समस्तीपुर सहित राज्य के 27 जिलों के किसान लाभान्वित होंगे। अनुदान पर बांस की खेती के लिए जिलावार लक्ष्य निर्धारित किया गया है। समस्तीपुर जिले में 17 हेक्टेयर में बांस की खेती का लक्ष्य है।

    उद्यान विभाग की नर्सरियों में आधा एकड़ में बांस की खेती का लक्ष्य मिला है। सार्वजनिक क्षेत्र में उच्च घनत्व बांस रोपण पर 100 फीसद अनुदान मिलेगा। जिले के प्रखंड उद्यान नर्सरियों, प्रोजनीबाग नर्सरियों एवं कृषि फार्म में प्रत्यक्षण प्लाट में निर्माण किया जाना है।

    प्रति हेक्टेयर एक लाख 20 हजार रुपये की लागत मूल्य निर्धारित की गई है। जिले में बड़े पैमाने पर बांस की खेती की जाती है।

    अगर बांस से उत्पाद बनाकर उसे बाहर का बाजार उपलब्ध कराया जाए तो यह जिले के किसानों के लिए वरदान साबित होगा। बांस जैसी नगदी फसल से कमाकर किसान आत्मनिर्भर हो सकेंगे। रोजगार का यह बड़ा माध्यम बनेगा।

    बाउंड्री प्लांटेशन के रूप में भी होगी बांस की खेती

    निजी क्षेत्र में उच्च घनत्व बांस रोपण पर 50 फीसद अनुदान मिलेगा। इसमें प्रति इकाई लागत एक लाख 20 हजार रुपये निर्धारित की गई है। इसके तहत किसानों को न्यूनतम 10 डिसमिल से अधिकतम 50 डिसमिल रकबा में बांस की खेती के लिए अनुदान मिलेगा।

    किसान के खेत पर सीमांत रोपण पर भी 50 फीसद अनुदान दिया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 में किसानों के जमीन पर बाउंड्री प्लांटेशन के रूप में बांस की खेती हेतु प्रति किसान कम से कम 10 बांस पौधा देने का प्रावधान किया गया है।

    प्रति पौधा इकाई लागत 300 रुपया निर्धारित है। अनुदान पर 150 रुपये में प्रति पौधा मिलेगा। योजना का कार्यान्वयन वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2026-27 तक कुल दो वर्षों में किया जाएगा।

    भारत सरकार की मार्गदर्शिका के अनुरूप प्रथम वर्ष अनुदान की राशि का 60 प्रतिशत तथा द्वितीय वर्ष अनुदान राशि का 40 प्रतिशत देने का प्रावधान है।

    उद्यान विभाग के वेबसाइट पर कर सकेंगे आवेदन 

    किसान उद्यान विभाग के वेबसाइट पर जाकर बांस की खेती के अनुदान पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कागजात के रूप में डीबीटी पंजी, जमीन की रसीद या एलपीसी आवेदन पत्र के साथ देना होगा। 78.56 प्रतिशत सामान्य, 20 प्रतिशत एससी और 1.44 प्रतिशत एससी को बांस की खेती के लिए अनुदान देने का लक्ष्य रखा गया है।