कान में खुजली, सुनाई कम देने या बंद होने जैसे लक्षण हो तो यह खतरे की घंटी, डॉक्टर ने इस मौसम में बचाव के उपाय बताए
मौसम में नमी आने से कान में फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ गया है। डॉक्टरों के अनुसार बारिश और उमस के कारण कान में मैल जमने सुनने में कमी और इंफेक्शन के मामले बढ़ रहे हैं। फंगल इंफेक्शन में कान में काला और सफेद रंग का पदार्थ जमा हो जाता है जिससे पर्दे फटने की संभावना तक बन सकती है।

जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। वर्षा और इसके बाद निकली रही तेज धूप से मौसम में बदलाव हो रहा है। नाक, कान और गले में संक्रमण के मरीज भी बढ़ गए है। मौसम में नमी आने से कान में फंगल बढ़ जाता है और पर्दा फटने तक की आशंका रहती है।
सदर अस्पताल में ही ऐसे करीब 15-20 मरीज प्रतिदिन आ रहे है। चिकित्सक ने उन्हें जरूरी सलाह दी है। वर्षा के मौसम की शुरुआत और उमस बढ़ने के साथ ही लोगों की कान की तकलीफ भी बढ़ने लगी है। कान में मैल जमने, ब्लाकेज, सुनने में कमी और इंफेक्शन के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
फंगल इंफेक्शन के भी कई मामले सामने आए हैं। ईएनटी विशेषज्ञ ने आगाह किया है कि इस मौसम में कान की तकलीफ को हल्के में न लें। वर्षा व उमस के कारण कान में इस तरह की तकलीफ बढ़ जाती हैं। फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
फंगल इंफेक्शन में कान में काला व सफेद रंग का पदार्थ व मैल जमा हो जाता है। समय रहते इलाज न लेने पर स्थिति गंभीर हो सकती है। ईएनटी विशेषज्ञ डा. सैयद मेराज इमाम ने कहा कि कान में पानी जाने से बचाव करें, इससे संक्रमण बढ़ता है।
लगातार कान बहने से पर्दे का छेद बड़ा होने से सुनाई देना बंद हो जाता है। इसलिए पानी से कान का बचाव करना बहुत आवश्यक है। प्रदूषण में एलर्जी के कारण श्वास संबंधी परेशानी होने लगती है, जो नाक और गले को प्रभावित करती है।
कान नाक में सींक न डाले। वर्षा के मौसम में एलर्जी के मरीजों को हरी घास व अन्य वजहों से क्रोनिक राइनाटिस (तेजी से नाक बहना) की तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश के मौसम में कानों का रखें ख्याल :
- कान दर्द होने पर तत्काल डाक्टर से संपर्क करें, ताकि दवाई या फिर कानों की सफाई की मदद से आराम मिल सके।
- नहाने के बाद कानों को साफ करें और सूखा लें। कानों को साफ करने के लिए इयरबड्स का इस्तेमाल न करें।
- बारिश के मौसम में ठंडी और खट्टी चीजों को खाने से बचें। अगर आपको गले का इन्फेक्शन हो जाता है, तो चाय, काफी या सूप पिएं ताकि कान के इन्फेक्शन से बचें।
- नमक के पानी से गरारे करें ताकि गले के इन्फेक्शन से बचा जा सके।
- नहाने के बाद कानों के बाहरी हिस्से को साफ और सूखे कपड़े से साफ करें।
- इयरफोन्स को डिसइन्फेक्ट करना न भूलें। इससे आपके कानों में इन्फेक्शन नहीं होगा।
कानों के इन्फेक्शन का लक्षण :
- कान का बंद होना
- कान में इरिटेशन होना
- सूजन आना
- खुजली होना
- कान में दर्द
- सुनाई कम देना
- कानों से पानी बहना
- चक्कर आना
- तेज सिर दर्द
- बुखार
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