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    बीडीओ आवास मरम्मत के नाम पर 55 लाख का घोटाला, छुट्टी पर रहते पेमेंट, डीएम ने जांच के आदेश

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 01:17 PM (IST)

    समस्तीपुर जिले के उजियारपुर प्रखंड में भवन के अभाव के बावजूद मरम्मत पर लाखों खर्च हुए। बीडीओ पर 15वीं वित्त आयोग की राशि से वित्तीय अनियमितता का आरोप है। चार कमरों के आवास की मरम्मत के लिए कई योजनाएं बनाई गईं और भुगतान भी हुआ। शिकायत के बाद डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं बीडीओ छुट्टी पर चले गए हैं।

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    बीडीओ आवास के 4 कमरों वाले मकान की मरम्मत पर 50 लाख से अधिक का घोटाला

    जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। जिले के उजियारपुर प्रखंड को आज तक अपना भवन भले ही नसीब न हो सका है लेकिन, इसके मरम्मत और सौंदर्यीकरण के नाम पर गत आठ वर्ष में 87 लाख से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है। हद तो यह है कि गत वर्ष वर्तमान बीडीओ ने 15वीं वित्त की राशि से 55 लाख रुपये खर्च करने की योजना बनाकर पैसों का बंदरबांट कर दिया।

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    बताया गया कि चार कमरे वाले आवास की मरम्मत, रंग रोगन और चारदीवारी निर्माण पर अलग-अलग 6 योजनाएं बनाई गई। इसमें करीब 40 लाख रुपये से अधिक की राशि का प्रावधान किया गया। तय समय पर काम शुरू कर उसे पूर्ण भी कर लिया गया। लगभग राशि का भुगतान भी पूर्ण किया जा चुका है।

    ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि पदाधिकारियों ने जनता के पैसो को नियम कानून को ताक पर रखकर अपनी शौक मौज के लिए खूब पैसा बहाया। मामले को तूल पकड़ता देख वर्तमान बीडीओ ने तीन महीने की छुट्टी ले ली। बाद से अब तक वह छुट्टी पर हैं। इस दौरान छुट्टी में रहते हुए उन्होंने जुलाई माह में शेष पेमेंट भी कर दिया।

    हालांकि, इसके बाद में वित्त प्रभार प्रभारी बीडीओ सह सीओ को मिल गया। मामले तब संज्ञान में आया जब इसकी शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायत पर डीएम ने डीआरडीए निदेशक आशुतोष आनंद को उक्त योजना के जांच की जिम्मेदारी सौंपी। जांच के दौरान बीडीओ अनुपस्थित रहे। उनके पक्ष जानने के लिए उन्हें निदेशक ने पत्राचार भी किया है। लेकिन, बीडीओ ने अब तक मामले में अपना पक्ष नहीं रखा है।

    दस योजना में आवास से जुड़ा

    वर्तमान बीडीओ अमित कुमार ने अपने कार्यकाल में प्रखंड की 15वीं वित्त की योजना से आवास और कार्यालय के मरम्मत और सौंदर्यीकरण के नाम पर दस योजनाएं खोली गई। इसमें बीडीओ आवास में किचन और बाथरुम निर्माण के लिए 5 लाख, आवास परिसर में भूमि विकास के लिए 3 लाख, प्रखंड में स्ट्रीट लाइट के लिए 5 लाख, ब्लाक कैम्पस में सीसीटीवी के लिए 5 लाख, आवास में टाइल्स लगाने के लिए 4 लाख, रंग रोगन के लिए 3 लाख, मरम्मत के लिए 15 लाख बाउंड्री के लिए 10 लाख और फेवर ब्लॉक के लिए 3 लाख की राशि व्यय की गई।

    दस में छह योजना का सीधा ताल्लुक आवास से है। इसके लिए करीब 55 लाख रुपये का प्रावधान किया गया। जबकि, 40 लाख से अधिक का भुगतान भी किया जा चुका है। रंग रोगन और अन्य कार्य के लिए अलग-अलग योजनाओं के बाद भी 15 लाख की राशि आवास मरम्मत कर खर्च किया गया।

    कब-कब हुई आवास की मरम्मती

    प्रखंड विकास पदाधिकारी के आवास में वर्ष 17/18 में 10 लाख की राशि चतुर्थ वित्त से खर्च की गई। जबकि, 19/20 में 10.86 लाख की राशि खर्च की गई। बाद में 21/22 में षष्ठम वित्त की योजना से बीडीओ आवास में शेड और कमरा निर्माण पर 11 लाख खर्च किया गया। इसके बाद एक बार फिर 15वी वित्त से 55 लाख की योजना बनाकर पैसों का बंदरबांट किया गया।

    इसमें मरम्मत और सौंदर्यीकरण के साथ ही सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना शामिल हैं। कुछ थोड़े फोड़ और आधे अधूरे निर्माण कार्य को पूर्ण कर पैसे की निकासी की गई। बिजली आदि उपकरण लगाने के नाम पर पानी की तरह पैसा बहाया गया।

    कम कीमत की सामानों को बढ़ा चढ़ाकर बिल बनाया गया। क्रय समिति भी गठित नहीं की गई। योजना में पूर्ण रूप से मनमानी की गई। इससे प्रतीत हो रहा कि आवास मरम्मत और सौंदर्यीकरण के नाम पर घोटाला किया गया है।

    15वीं वित्त की योजना में गड़बड़ी की बात संज्ञान में आयी है। इसकी जांच वरीय पदाधिकारियों द्वारा की जा रही है। प्रखंड स्तर से जांच में आवश्यक सहयोग किया जाएगा। जुलाई माह से हमारे पास वित्तीय प्रभार है। उस समय से इस मद की कोई भुगतान आदि नहीं की गई है। - आकाश कुमार, सीओ सह प्रभारी बीडीओ उजियारपुर