Samastipur Election Result: आधी आबादी की भागीदारी ने सुनिश्चित की एनडीए की जीत, जातिवाद पिछड़ा
Samastipur Election Result: समस्तीपुर जिले में एनडीए ने दस में से सात विधानसभा सीटें जीतीं, जिसमें महिलाओं की भारी भागीदारी निर्णायक रही। महिलाओं ने जातिवाद को नकारते हुए एनडीए के पक्ष में मतदान किया, जिससे गठबंधन को बड़ा फायदा हुआ। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों का महिलाओं पर गहरा प्रभाव दिखा, जिससे एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिला और जातिवादी राजनीति को झटका लगा।
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Samastipur Election Result: राज्य के अन्य हिस्सों की तरहत यहां भी महिलाओं ने एनडीए का साथ दिया।
जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। Samastipur Election Result: जिले के दस विधानसभा सीट पर चुनाव के परिणाम घोषित किए जा चुके हैं। सात पर एनडीए और तीन पर महागठबंधन का कब्जा रहा।
अबकी बार के चुनाव में आधी आबादी (महिलाओं) की जबरदस्त भागीदारी ने सभी गुणा गणित को पीछे छोड़ दिया। महिलाओं की जबरदस्त वोटिंग का फायदा एनडीए गठबंधन को मिला। इससे जातिवाद को बड़ा धक्का लगा।
वोटिंग के ट्रेंड को देख ऐसा लगता है कि महिलाओं ने जातिवाद को ठेंगा देखाते हुए जमकर एनडीए के पक्ष में वोट डाले। पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार की बातें आधी आबादी के दिलों में घर कर गई। इसका भरपूर फायदा भी एनडीए को मिला।
जहां भी इनकी भागीदारी रही, वह सीट स्पष्ट रूप से एनडीए के झोली में गई। जहां एनडीए को हार का सामना करना पड़ा वहां भी प्रत्याशियों को भरपूर वोट मिले हैं। महागठबंधन के प्रत्याशियों ने केवल उन्हीं जगहों पर सफलता पायी है, जहां वे दलगत राजनीति से उपर रहे। उजियारपुर सीट पर ऐतिहासिक वोटिंग हुई।
यहां से राजद के आलोक मेहता ने जीत दर्ज की। उन्होंने एक लाख से अधिक वोट मिले। जबकि, प्रतिद्वंदी रालोमो के प्रशांत पंकज महज 16 हजार मत से पीछे रह गए। इस सीट पर एनडीए को मिलने वाला यह मत सर्वाधिक है।
इससे पहले कभी भी एनडीए को इस सीट पर इतना अधिक मत नहीं मिला। बताया जा रहा कि महिलाओं के बदौलत ही यह मत प्रशांत पंकज को मिले है। इसी तरह से मोरवा सीट पर विद्यासागर निषाद को भी अच्छे वोट मिले।
जबकि, पुरुष वोट में बड़ी सेंधमारी हुई। वहां से एक निर्दल प्रत्याशी को 30 हजार वोट मिले, लेकिन महिला एनडीए के पक्ष में खड़ी दिखाई पड़ी। इसी तरह से रोसड़ा सुरक्षित सीट पर महिला की बदौलत बड़ी जीत भाजपा को हासिल हुई।
विभूतिपुर में भी महिलाओं की बदौलत जदयू मैदान में अंत तक टिकी रही। समस्तीपुर सीट पर महिला प्रत्याशी को महिलाओं का भरपूर प्यार मिला। इसी वोट की वजह से उसने उन बूथों पर भी जीत दर्ज किया जहां पिछले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इसी तरह से कल्याणपुर, वारिसनगर और हसनपुर सीट पर भी महिलाओं ने मुकाबले को एकतरफा बना दिया।
महिलाओं ने जातिवाद की राजनीति को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। यह नए दौड़ का बिहार है। जहां महिलाएं अपनी सरकार चुन विकास की गाड़ी को धक्का लगा रही। अब यह गाड़ी रफ्तार पकड़ चुकी है। उन जातिवादी नेताओं को सोचने पर मजबूर कर रही कि केवल जात-पात कर चुनाव में वोट नहीं बटोरी जा सकती है।

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