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    Bihar Rain Forecast: उत्तर बिहार के कई जिलों में बारिश की संभावना, किसान बरतें सावधानी

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 07:01 PM (IST)

    उत्तर बिहार में अगले चार दिनों तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है हालांकि कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। तापमान 34-36 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। किसानों को धान और गन्ना की फसलों की विशेष देखभाल करने की सलाह दी गई है जिसमें खैरा रोग और पत्ती लपेटक कीट से बचाव के उपाय शामिल हैं।

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    आसमान में बादल के साथ हल्की वर्षा की संभावना, किसान बरतें सावधानी

    संवाद सहयोगी, पूसा। उत्तर बिहार के जिलों में अगले 4 दिनों में आसमान में हल्के से मध्यम बदल के साथ मौसम के शुष्क रहने की संभावना है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ. ए सत्तार ने बताया कि स्थानीय स्तर पर कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो सकती है। 3-4 सितम्बर के आसपास सारण, सिवान, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, एवं पश्चिम चंपारण के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा हो सकती है।

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    अधिकतम तापमान में 1 से 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हो सकती है। अधिकतम तापमान 34-36 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। न्यूनतम तापमान 26-28 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रह सकता है। इस दौरान 15 किलोमीटर की रफ्तार से पुरवा हवा चलने की संभावना है। वैज्ञानिकों के द्वारा किसानों को विभिन्न सुझाव दिए गए हैं।

    किसानों के लिए विज्ञानी सुझाव

    धान की फसल में खैरा बीमारी दिखाई पड़ने पर खेतों में जिंक सल्फेट 5.0 किलोग्राम तथा 2.5 किलोग्राम बुझा चूना का 500 लीटर पानी में घोल बना कर एक हेक्टेयर में छिड़काव करें।

    धान की फसल में पत्ती लपेटक (लीफ फोल्डर) कीट की निगरानी करें। इस कीट के पिल्लू धान के पत्तियों के दोनों किनारों को रेशमी धागे से जोड़कर उसके अन्दर रहते हैं तथा पत्तियों की हरीत्तिमा को खाता है। इस प्रकार का लक्षण दिखने पर बचाव के लिए करताप हाईड्रोक्लोराईड दाने-दार दवा का 10 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से व्यवहार करें।

    गन्ना की फसल में एक पंक्ति की गन्ना को दूसरे पंक्ति के तरफ झुकाते हुए पत्ती- रस्सी विधि से गन्ने की बंधाई करनी चाहिए। गन्ना बंधाई के लिए निचली सूखी पत्तियों और कुछ हरी पत्तियों का इस्तेमाल करना चाहिए। इस विधि से गन्ना की बंधाई करने पर हथिया नक्षत्र की तेज हवा और बारिस के समय गन्ना गिरने से बच जाता है।

    टमाटर की नर्सरी उथली क्यारियों में पंक्तियों में गिरावें। इसके लिए अर्काविकास, अर्का अभेद, अर्का अभिजीत, अर्का सौरभ, संकर किस्में - अर्का सम्राट, अर्का अपेक्षा, पूसा दिव्या अर्का, वरदान, मिर्च, बैगन, टमाटर की नर्सरी में लाही, सफेद मक्खी व चूसक कीड़ों की निगरानी करें।

    ये कीट विषाणु जनित रोग के लिए वाहक का काम करते है जिससे पौध के पत्ते टेढ़े-मेढ़े होकर सिकुड़कर रोगग्रस्त हो जाते हैं। यह बड़ी तेजी से एक-पौधें से दुसरे पौधे में फैलता है। इससे बचाव के लिए इमिडाक्लोरोप्रिड दवा का 0.3 मी.ली. प्रति लीटर पानी की दर से घोल कर छिड़काव करें।

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