Bihar Election 2025: परदेशी मजदूरों की घरवापसी से 5-7% मतदान बढ़ोतरी की उम्मीद, बीएलओ घर-घर जाकर बांट रहे पर्ची
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही है। निर्वाचन आयोग को उम्मीद है कि प्रवासी मजदूरों की घर वापसी से मतदान 5-7% तक बढ़ सकता है। बीएलओ घर-घर जाकर पर्ची बांट रहे हैं। युवा मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है। माना जा रहा है कि प्रवासी मजदूरों की वापसी से मतदान प्रतिशत बढ़ेगा।

परदेशियों की घर वापसी से बढ़ेगी वोटिंग प्रतिशत की उम्मीद। फोटो जागरण
राजू सिंह, बनियापुर (सारण)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार सारण जिले में मतदान प्रतिशत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। इसका मुख्य कारण है- परदेश में रहने वाले बड़ी संख्या में मतदाताओं का इस बार छठ पर्व में घर आना है।
पिछले चुनावों में पंजाब, दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में रोज़गार की तलाश में गए हजारों मतदाता वोट नहीं डाल पाए थे, लेकिन इस बार माहौल बिल्कुल अलग है।
जानकारी के अनुसार, छठ पर्व के कारण बड़ी संख्या में प्रवासी मतदाता पहले ही अपने गांव आ चुके हैं। वहीं, प्रखंडों में तैनात बीएलओ ने भी अपने अभियान में तेजी लाई है। मतदाताओं को उनके घर जाकर मतदान पर्ची दी जा रही है और उन्हें यह समझाया जा रहा है कि यदि वे लगातार मतदान नहीं करेंगे तो उनका नाम मतदाता सूची से हट सकता है। इससे प्रवासी मतदाताओं में भी सक्रियता आई है।
कई परदेशी मतदाताओं ने लौटकर अपने मतदाता सूची में नाम की पुष्टि कर ली है। ग्रामीण इलाकों में सोशल मीडिया और युवा संगठनों की टीमें लोगों को जागरूक करने में जुटी हैं। उनका नारा है कि इस बार कोई मतदाता पीछे न रहे। गांवों में लौटे युवाओं का कहना है कि वे अपने परिवार के हर सदस्य को मतदान के लिए प्रेरित करेंगे।
प्रवासी मजदूरों ने बताया कि वर्षों बाद उन्हें ऐसा अवसर मिला है जब वे लोकतंत्र के इस पर्व में हिस्सा लेने के लिए घर पर मौजूद रहेंगे। बनियापुर, मढ़ौरा, अमनौर, मांझी, एकमा और तरैया जैसे क्षेत्रों में प्रशासन ने भी विशेष अभियान चलाकर प्रवासी मतदाताओं को जोड़ने की पहल की है। ब्लाक कार्यालयों में विशेष सहायता केंद्र बनाए गए हैं, जहां लौटे मतदाता अपने पहचान पत्र और मतदान केंद्र से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यदि यह प्रवासी रुझान इसी तरह जारी रहा तो इस बार मतदान प्रतिशत में 5 से 7 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी संभव है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
अब देखना यह होगा कि परदेशियों की यह सक्रियता किस राजनीतिक दल के पक्ष में माहौल बनाती है, लेकिन इतना तय है कि इस बार बनियापुर और आसपास के इलाकों में लोकतंत्र का पर्व पहले से कहीं अधिक उत्साह और सहभागिता के साथ मनाया जाएगा।

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