साधारण गृहिणी से ‘सुपरस्टार-किलर’ तक, आसान नहीं था खेसारी लाल को हराने वाली छोटी कुमारी का सफर
छपरा विधानसभा सीट से भाजपा विधायक छोटी कुमारी ने खेसारी लाल यादव को हराया। उनकी जीत महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है। साधारण परिवार से आईं छोटी कुमारी ने शिक्षा और परिवार के संस्कारों को सफलता का श्रेय दिया। उन्होंने राजनीति को सेवा का माध्यम बताते हुए समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने का संकल्प लिया। छोटी कुमारी ने अपनी जीत को जनता का स्नेह और भाजपा नेतृत्व का मार्गदर्शन बताया।

छोटी कुमारी का सफर
राजीव रंजन, छपरा। छपरा विधानसभा सीट से भाजपा की नवनिर्वाचित विधायक छोटी कुमारी इन दिनों राजनीतिक चर्चाओं के केंद्र में हैं। उन्होंने इस बार के विधानसभा चुनाव में भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार और राजद प्रत्याशी खेसारी लाल यादव को पराजित कर इतिहास रच दिया।
इस जीत को न केवल राजनीतिक चमत्कार माना जा रहा है, बल्कि महिला सशक्तिकरण के मजबूत संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है। जीत के बाद उन्होंने अपने राजनीतिक सफर, संघर्षों तथा भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत बातचीत की।
साधारण परिवार से राजनीति के शिखर तक
छोटी कुमारी अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार के संस्कारों और अनुशासित माहौल को देती हैं। वह बताती हैं कि वह एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार में पली-बढ़ीं, जहां मेहनत, ईमानदारी और समाज के प्रति जिम्मेदारी जैसे मूल्य जीवन का आधार थे।
उनकी प्राथमिक शिक्षा सरकारी उच्च विद्यालय बाजितपुर, परसा (सारण) से हुई। उसके बाद उन्होंने इंटर मुंशी लाल महाविद्यालय, दिघवारा से इंटर और फिर शिव जन्म राय महाविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की।
पढ़ाई के दौरान विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में सहभागिता और नेतृत्व के अवसरों ने उनके भीतर राजनीति के प्रति रुचि जगाई। वह कहती हैं कि उनके जीवनसाथी और परिवार ने हर कठिन समय में उनके साहस को मजबूत किया। इसी सहयोग ने उन्हें सार्वजनिक जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरक शक्ति दी।
राजनीति मेरे लिए ‘सेवा’ का मार्ग
छोटी कुमारी राजनीति को सत्ता नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम मानती हैं। वह कहती हैं कि राजनीति तभी सार्थक है जब इससे जनता की समस्याओं के समाधान की दिशा में कदम बढ़ाए जाएं।
उनका संकल्प समाज के कमजोर वर्गों—विशेषकर महिलाओं, युवाओं और ग्रामीण परिवारों को सशक्त बनाने का है। वह बताती हैं कि जनसमस्याओं को समझना और उसके अनुरूप नीति एवं कदम उठाना ही उनकी राजनीति की मूल भावना है।
सीमित संसाधनों में कठिन चुनावी जंग
छपरा में चुनावी मुकाबला बेहद रोचक रहा, जहां एक ओर भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव की लोकप्रियता थी तो दूसरी ओर एक साधारण परिवार से आई दृढ़ निश्चयी महिला छोटी कुमारी। वह स्वीकार करती हैं कि चुनाव से पहले उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
सीमित संसाधन, संगठन निर्माण, घर–घर संपर्क, जनता का विश्वास जीतना और बार-बार सामाजिक पूर्वाग्रहों से जूझना। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी।
वह खुद हर घर, हर गली-मोहल्ले में गईं, लोगों की तकलीफें सुनीं और उन्हें भरोसा दिलाया कि वह उनकी “आवाज़” बनकर खड़ी रहेंगी। जनसमर्थन और उनके पारदर्शी व्यवहार ने ही अंततः उन्हें बड़ी जीत दिलाई।
जीत–हार से ऊपर ‘जनसेवा’ का संकल्प
छोटी कुमारी का कहना है कि उन्होंने राजनीति में प्रवेश करते समय ही मन बना लिया था कि परिणाम चाहे कुछ भी हो, उनकी सेवा की दिशा नहीं बदलेगी। उनके अनुसार राजनीति में हार–जीत आती-जाती रहती है, लेकिन जनता के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना ही असली लक्ष्य होना चाहिए।
उनकी नीयत और ईमानदार कार्यशैली ने ही उन्हें हर भय से मुक्त रखा और लगातार आगे बढ़ने की शक्ति दी।
महिलाओं के नाम विशेष संदेश
विधायक छोटी कुमारी महिलाओं से अपील करती हैं कि वे अपनी ताकत पहचानें और किसी भी परिस्थिति में खुद को पीछे न रखें। शिक्षा को सबसे बड़ा हथियार बताते हुए उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता ही महिला सशक्तिकरण की सबसे मजबूत नींव है।
वह कहती हैं कि सपनों को उड़ान देने के लिए सिर्फ पहला कदम जरूरी है। महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और जब महिलाएं आगे बढ़ती हैं, तभी समाज और राष्ट्र विकास के नए पायदान पर पहुंचते हैं।
वरिष्ठ नेतृत्व और जनता के प्रति आभार
छोटी कुमारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सांसद राजीव प्रताप रूडी, विधान पार्षद संजय मयूख सहित भाजपा नेतृत्व का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि इन सभी का मार्गदर्शन और जनता का अपार स्नेह ही उन्हें इस मुकाम तक ले आया है। वह अपनी जीत को जनता की जीत और अपनी जिम्मेदारी की नई शुरुआत मानती हैं। उनका कहना है कि वह पूर्ण निष्ठा और समर्पण के साथ छपरा के विकास और जनसेवा के लिए कार्य करेंगी।

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