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    सारण के एकमा विधानसभा क्षेत्र; कांग्रेस की ताकत को राजद ने तोड़ा, 2025 में एनडीए और महागठबंधन के बीच होगी सियासी टक्कर

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 05:40 PM (IST)

    एकमा विधानसभा क्षेत्र बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण है। यहाँ कांग्रेस का दबदबा राजद ने तोड़ा। यह क्षेत्र धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, पर यहाँ सड़क और सिंचाई जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है। 2025 के चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला होगा, जिसमें स्थानीय मुद्दे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। जनता का फैसला ही तय करेगा कि क्षेत्र का नेतृत्व कौन करेगा।

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    एनडीए और महागठबंधन के बीच होगी सियासी टक्कर

    संवाद सूत्र, एकमा(सारण)। एकमा विधानसभा क्षेत्र की राजनीति हमेशा से ही बिहार के सियासी इतिहास में महत्वपूर्ण रही है। दक्षिण में गंगा नदी और उत्तर में ढोढनाथ मंदिर से घिरा यह क्षेत्र धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। एकमा विधानसभा 1952 में स्थानीय हुई थी और उस समय पहली बार इंडियन नेशनल कांग्रेस से बाबू लक्ष्मीनारायण सिंह विधायक बने, जिन्होंने 1957 तक इस पद को संभाला। इसके बाद 1971 में आई बाढ़ ने पूरे क्षेत्र को जलमग्न कर दिया।

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    1957 में परिसीमन के बाद मांझी विधानसभा से एकमा विधानसभा बन गई। 2010 तक यह क्षेत्र कई बार बाढ़ और सुखाड़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करता रहा है। यहां के दो प्रमुख धार्मिक स्थल—उत्तर छोर पर ढोढनाथ मंदिर और पश्चिमी छोर पर सिवान बॉर्डर पर बाबा महेन्दनाथ मंदिर—क्षेत्र की धार्मिक पहचान के प्रतीक हैं। माना जाता है कि इन मंदिरों में भक्तों की कामनाएं पूरी होती हैं।


    धार्मिक महत्व के साथ-साथ एकमा का राजनीतिक इतिहास भी गौरवपूर्ण है। 1942 में गांधीजी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मांझी क्षेत्र के दाउदपुर के शहीद स्वतंत्रता सेनानी छठु गिरी, फागुन गिरी और कमता गिरी ने इस धरती की ख्याति बढ़ाई।

    कृषि इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। गंगा नदी से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित एकमा में धान, गेहूं और दलहन की खेती होती है, साथ ही डेयरी व्यवसाय भी महत्वपूर्ण है। हालांकि सड़क, सिंचाई और पुल जैसी बुनियादी सुविधाओं में अभी भी कई जगहों पर कमी है। कई नलकूप खराब हैं और नहरों का पक्कीकरण नहीं हुआ, जिससे जल प्रबंधन चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

    चुनावी इतिहास और परिदृश्य

    एकमा विधानसभा क्षेत्र में अब तक कुल चार विधानसभा चुनाव हुए हैं। 2010 में जद यू के मनोरंजन सिंह धूमल विधायक बने और उन्होंने लगातार दो बार जीत हासिल की। 2020 में राजद के श्रीकांत यादव ने जद यू की ताकत को तोड़ते हुए चुनाव जीता। श्रीकांत यादव, जो एकमा नगर पंचायत के राजापुर गोपाली टोला के निवासी हैं, ने 2020 में 53,394 वोट हासिल किए, जबकि जद यू की सीता देवी को 39,711 मत मिले।


    2010 के चुनाव में मनोरंजन सिंह धूमल को 55,474 मत प्राप्त हुए थे, जबकि राजद के कामेश्वर सिंह मुन्ना को 26,273 मत मिले थे। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि एकमा में सियासी परिदृश्य लगातार बदलता रहा है और जनता की प्राथमिकताएं समय के साथ बदलती रही हैं।


    2025 की तैयारी और संभावित मुकाबले


    2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर एकमा क्षेत्र में सियासी हलचल तेज हो गई है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि किसको पार्टी से टिकट मिलेगा, जिससे जनता में उत्सुकता और असमंजस का माहौल है। दावेदारी ठोकते हुए जद यू से मनोरंजन सिंह धूमल, राजद से श्रीकांत यादव, रा लोजपा से कामेश्वर सिंह मुन्ना और जन सुराज से विकास सिंह का नाम सामने आया है।

    राजद ने 2020 में जीत के बाद इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है, जबकि जद यू और एनडीए के अन्य घटक इस सीट पर अपना दबदबा वापस पाने की कोशिश में हैं। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बार चुनाव में क्षेत्रीय मुद्दे जैसे सड़क, सिंचाई, नलकूप और बुनियादी सुविधाओं की कमी, साथ ही धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाले स्थल, मतदाताओं के फैसले को प्रभावित करेंगे।

    एकमा बाजार और आसपास के गांवों को जोड़ने वाली सड़कें पहले की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं, जिससे campaigning और जनसंपर्क आसान हुआ है। इसके बावजूद, ग्रामीण इलाकों में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में बाधाएं और स्थानीय मुद्दे सियासी दलों के लिए चुनौती बने हुए हैं।


    एकमा विधानसभा क्षेत्र न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी यह सारण जिले की रणनीतिक सीट के रूप में उभरती है। कांग्रेस के लंबे शासन के बाद राजद ने अपनी ताकत दिखाकर जद यू को चुनौती दी है। अब 2025 में एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला होगा।

    जनता के दृष्टिकोण और स्थानीय मुद्दों के आधार पर ही तय होगा कि इस क्षेत्र का अगला 'राजा' कौन होगा और भविष्य में राज्य का नेतृत्व कौन संभालेगा। एकमा की राजनीति हमेशा परिवर्तनशील रही है, और आने वाला चुनाव इस क्षेत्र की सियासी दिशा तय करेगा।