SIR में जिंदा लोगों को बताया मुर्दा! दावा-आपत्ति की समयसीमा खत्म होने के बाद बढ़ी परेशानी
सारण के पानापुर प्रखंड में मतदाता पुनरीक्षण के दौरान जीवित व्यक्तियों को मृत घोषित कर दिया गया। बकवा पंचायत के बूथ संख्या 71 और 72 में तीन लोगों को मतदाता सूची से हटा दिया गया। दावा-आपत्ति की समयसीमा बीतने के बाद मामला सामने आने से हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने बीएलओ पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

बिपिन कुमार मिश्रा, मढ़ौरा (सारण)। पानापुर प्रखंड क्षेत्र के बकवा पंचायत के धनौती गांव अंतर्गत बूथ संख्या 71 और 72 में मतदाता पुनरीक्षण के दौरान गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां तीन जीवित व्यक्तियों को मृत घोषित कर मतदाता सूची से बाहर कर दिया गया।
चौंकाने वाली बात यह रही कि यह गलती उस समय उजागर हुई, जब दावा-आपत्ति की अवधि समाप्त हो चुकी थी। इस वजह से प्रभावित परिवारों में हड़कंप मच गया और प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए।
दावा-आपत्ति की समयसीमा के बाद खुला मामला
मतदाता सूची संशोधन के बाद नियमानुसार एक माह का दावा-आपत्ति का समय दिया गया था और सूची पंचायत भवन में चस्पा की गई थी। हालांकि, अधिकांश ग्रामीण या तो सूची देखने नहीं पहुंचे या समय पर जागरूक नहीं हुए। जब समयसीमा पूरी हो गई, तब प्रभावित लोगों ने अपने नाम मृतकों में पाए और हैरान रह गए।
बूथ संख्या 71 के मतदाता सूची में क्रम संख्या 87 पर शारदा देवी (पति : पुरुषोत्तम सिंह) और क्रम संख्या 88 पर उनके पुत्र राजीव रंजन को मृत घोषित कर दिया गया।
वहीं, बूथ संख्या 72 में क्रम संख्या 40 पर रजनीश कुमार सिंह (पिता : रामबाबू सिंह) को मृत दिखा दिया गया। नाम हटाए जाने की जानकारी मिलने पर संबंधित परिवार गहरे सदमे में चले गए।
बीएलओ पर उठे सवाल, जांच पर सवालिया निशान
स्थानीय लोगों ने इस मामले में संबंधित बीएलओ की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि बीएलओ ने बिना उचित जांच किए और बिना दस्तावेजों की पुष्टि किए ही लोगों को मृत मान लिया।
बूथ संख्या 72 के बीएलओ जितेंद्र साह ने सफाई देते हुए कहा कि नाम में त्रुटि के कारण यह गलती हुई थी, लेकिन अब कागजात प्राप्त कर लिया गया है और फार्म-6 भरकर नाम दोबारा जोड़ा जा रहा है।
वहीं बूथ संख्या 71 के बीएलओ राणा रविन्द्र सिंह ने दावा किया कि उन्होंने लगातार क्षेत्र भ्रमण किया था, लेकिन जिनके नाम में गड़बड़ी थी, उन्होंने आवश्यक कागजात नहीं दिए। उन्होंने कहा कि यदि कहीं गलती हुई है तो उसे सुधारा जाएगा।
पीड़ितों की आपबीती
बूथ संख्या 72 के रजनीश कुमार सिंह, जिन्हें मृत घोषित कर दिया गया था, ने बताया कि पिछले दस दिनों से कई बार बीएलओ से मिले, लेकिन हर बार यही जवाब मिला कि अब कुछ नहीं हो सकता। मामला मीडिया में आने के बाद ही वे घर आए और कागजात लेकर फार्म भरवाये।
वहीं, बूथ संख्या 71 में मृत घोषित शारदा देवी के पति पुरुषोत्तम सिंह ने कहा कि पत्नी और बेटा इलाज के लिए जमशेदपुर गए थे। इसी दौरान उन्हें मृत दिखा दिया गया, जबकि दोनों स्वस्थ और जीवित हैं।
लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल
विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसी घटनाओं की समय पर जांच होनी चाहिए, दोषियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए और भविष्य में इस प्रकार की त्रुटियां रोकने के लिए सख्त मानक तय किए जाने चाहिए।
इस मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी आनंद पांडेय ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में आने के बाद तत्काल ही बूथ संख्या 72 के रजनीश कुमार सिंह का नाम जोड़ा गया, साथ ही बूथ संख्या 71 के दोनों नामों को भी जोड़ा जा रहा है।
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